Viral Video: त्रिपदा पब्लिक स्कूल का यह खटारा बस दे रहा दुर्घटना को दावत, मासूम बच्चों के जीवन से खिलवाड़?
मासूम बच्चों के जीवन से खिलवाड़ कर रहा है वाराणसी का त्रिपदा पब्लिक स्कूल. वीडियो वायरल होने के बाद मैनेजमेंट ने अपनी सफाई भी दी है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। कान्वेंट स्कूल के मैनेजमेंट किस कदर मासूम बच्चों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे है उसका उदाहरण वाराणसी में देखने को मिला. पेरेंट्स से मोटी रकम वसूलने के बाद भी उन्हें बच्चों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे रहे. बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने के लिए जिस बस का इस्तेमाल हो रहा है वह न केवल मानकों के विरूद्ध है बल्कि प्रशासन को ठेंगा दिखाने वाला है?
मासूम बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने वाला यह यह स्कूली बस कोई और नहीं बल्कि पिंडरा का त्रिपदा पब्लिक स्कूल का है. न तो फ्रंट पर ठीक से नंबर प्लेट है और न ही स्टेयरिंग की स्थिति ही ठीक. आपात खिड़की की बात तो दूर बल्कि बस में चढ़ते ही बड़ा छेद है, जो दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है. वीडियो वायरल होते ही प्राइवेट कान्वेंट स्कूल के मालिकों में हड़कंप मच गया है.
एमडी ने प्रशासन के सिर फोड़ा ठिकरा
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे कंडम बस में स्कूली बच्चों को ढोने के इस वीडियो के बाद स्कूल के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) ने अपना पक्ष रखा है. कन्हैया लाल ने यह स्वीकार किया है की उनके स्कूल मैनेजमेंट से गलती हुई है. उन्होंने यह भी कहा है की बस में दिख रहे बच्चे मेरे ही स्कूल के है और उनकी मैं पूरी जिम्मेदारी ले रहा हूं. उन्होंने बचाव में कहा है की जिला प्रशासन ने उनके स्कूल की बसों में चुनाव में अधिग्रहित कर लिया था, जिसकी वजह से गैराज में खड़ी बस को बच्चों के लिए इस्तेमाल करना पड़ा. हालांकि उन्होंने इस गलती पर माफी मांगते हुए भविष्य में ऐसी गलती न होने की बात कही.
FIR दर्ज होने के साथ मान्यता हो रद्द
वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने वीडियो ट्वीट कर कहा है की बच्चों के जीवन के साथ स्कूल कर रहे है खिलवाड़. उन्होंने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी के आदेशों का स्कूल द्वारा धज्जियां उड़ाने की बात कहते हुए कहा है की जर्जर हाल में पड़ी स्कूल बस बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहा है. इस बस से कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. उन्होंने कहा है की सीबीएसई बोर्ड के नियमों के विरुद्ध और मासूमों के जान से खिलवाड़ करने वाले स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मान्यता रद्द होनी चाहिए.