वाराणसी: हेल्थ रैंकिंग में 78 अंक के साथ प्रदेश में पहले स्थान पर, स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार
वाराणसी जिले ने उत्तर प्रदेश की प्रदेश स्तरीय हेल्थ रैं. पिछले महीने की तुलना में जिले की रैंकिंग में 12.82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.किंग डैशबोर्ड में 100 में से 78 अंक प्राप्त कर पहला स्थान हासिल किया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी जिले ने उत्तर प्रदेश की प्रदेश स्तरीय हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में 100 में से 78 अंक प्राप्त कर पहला स्थान हासिल किया है. पिछले महीने की तुलना में जिले की रैंकिंग में 12.82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
अगस्त महीने में जारी की गई रैंकिंग के अनुसार, जिले के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध सुविधाओं का मूल्यांकन किया गया था. इस मूल्यांकन के आधार पर वाराणसी को पूरे उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर रखा गया है.
इस रैंकिंग में तीन प्रमुख ब्लॉकों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिनमें एक शहरी और दो ग्रामीण क्षेत्रों के ब्लॉक शामिल हैं. इनमें वाराणसी के मंडलीय अस्पताल, दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल, शास्त्री अस्पताल और स्वामी विवेकानंद अस्पताल भी शामिल हैं. जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कुल 65 स्वास्थ्य केंद्रों का मूल्यांकन हर महीने मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के आधार पर किया जाता है.
इस वित्तीय वर्ष (अप्रैल से) में वाराणसी ने पहली बार प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। पिछले वित्तीय वर्ष में भी जिले ने लगातार आठ बार पहला स्थान हासिल किया था. जिले ने ओवरऑल प्रदर्शन, जन्म दर, आशा कार्यकर्ताओं की सेवाओं और टीकाकरण के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. आशा इन्सेंटिव फंड में वाराणसी ने प्रदेश में छठा स्थान, जन्म दर में सातवां स्थान और पेंटावेलेंट टीकाकरण में 40वां स्थान प्राप्त किया है.
प्रमुख प्रदर्शन करने वाले ब्लॉक:
- अराजी लाइन ब्लॉक: 79 अंक
- काशी विद्यापीठ ब्लॉक: 79 अंक
- पिंडरा ब्लॉक: 78 अंक
कमजोर प्रदर्शन वाले ब्लॉक:
- सेवापुरी: 73 अंक
- चिरईगांव: 71 अंक
- अबर्न ब्लॉक: 66 अंक
सुधार दर्ज करने वाले ब्लॉक:
- पिंडरा: पहले 72 अब 78 अंक
- अराजी लाइन: पहले 73 अब 79 अंक
- हरहुआ: पहले 73 अब 77 अंक
सीएमओ, डॉ. संदीप चौधरी ने कहा, "हम अस्पतालों से लेकर स्वास्थ्य केंद्रों तक मरीजों को बेहतर जांच और उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों को अनावश्यक भटकाव से बचाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.