वाराणसी साइबर पुलिस ने सरगना सहित राजस्थान के 4 आरोपियों को किया गिरफ्तार, साड़ी कारोबारी से की थी 27.25 लाख रुपये की ठगी
इन्वेस्टमेंट करवाने के नाम पर साइबर फ्रॉड करने वाले सरगना सहित चार शातिरों को वाराणसी की साइबर क्राइम थाने में अरेस्ट किया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। इन्वेस्टमेंट करवाने के नाम पर साइबर फ्रॉड करने वाले सरगना सहित चार शातिरों को वाराणसी की साइबर क्राइम थाने में अरेस्ट किया है. पुलिस ने इनके पास से मोबाइल, एटीएम कार्ड, सिमकार्ड, ₹ 30 हजार नकदी बरामद की है. चारों आरोपी राजस्थान के अलग अलग शहरों से है. इन मामले में दो अन्य के नाम भी प्रकाश में आए है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई है. घटना का खुलासा डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार और एडीसीपी क्राइम सरवणन टी.
वादी से टेलीग्राम पर जुड़े थे आरोपी
साइबर फ्रॉड के शिकार हुए तुलसीपुर (महमूरगंज) वाराणसी निवासी साड़ी कारोबारी अजय कुमार श्रीवास्तव से साइबर ठगों ने इन्वेस्टमेंट के नाम पर दोगुना लाभ का प्रलोभन दिया. जिसके बाद उनसे टेलीग्राम से आरोपी जुड़े थे. उसके बाद आरोपियों ने उनसे 27 लाख 25 हजार रुपए ठग लिए. रुपए ठगने के बाद आरोपियों ने फोन उठाना बंद कर दिया. उसके बाद टेलीग्राम ग्रुप को भी डिलीट कर दिया था. साइबर पुलिस ने चार आरोपी खोथांवाली (गोलूवाला) हनुमानगढ़ राजस्थान निवासी प्रिंस खोड, 5PSDA, वार्ड नं.3 (नियर सरकारी स्कूल) रावला मंडी, अनुपगढ़, राजस्थान निवासी आशीष उर्फ आशीष विश्नोई, वार्ड नं. 3 चक 7DWD2KLD (उदानगर) गुला मालीवाला बीकानेर निवासी हरीश उर्फ हरीश विश्नोई और वार्ड नं. 4 नहर हेड के पास ( सूरतगढ़ सिटी) श्रीगंगानगर निवासी मनदीप सिंह को अरेस्ट किया है. डीसीपी ने बताया कि आशीष उर्फ आशीष विश्नोई सरगना है, यह सिस्टम हैक करना जानता है और इसके खिलाफ एक मुकदमा पहले से दर्ज है. इनका अपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है.
आरोपी के लोग ही भेजते है बड़ी रकम के स्क्रीनशॉट
गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि यह ब्राण्डेड कम्पनियों के ओरिजिनल बेवसाइट बनाकर बल्क एसएमएस फीचर का प्रयोग कर एक साथ हजारो लोगो को पार्ट टाइम जाब इनवेस्टमेट आदि मे अच्छा लाभ कमाने का प्रलोभन देते है. जब कोई व्यक्ति इनके झांसे में आता है तो यह उसको छोटी-छोटी धनराशि उसके खातों मे क्रेडिट कर बड़ा धन कमाने का लालच दे देते है. जिसके बाद उस व्यक्ति को टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर इनके ही सिन्डीकेट्स के द्वारा बडी धनराशि का स्क्रीनशॉट भेजा जाता है जिससे लोग लालच में आकर पूर्णतः इनके झांसे में आ जाते है इसके बाद इनके द्वारा इन्वेस्टमेंट से सम्बन्धित तमाम प्लान बताते हुए तथाकथित कम्पनी के बैंक खातों मे पैसे डलवा लिए जाते है. गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम पर डीसीपी क्राइम ने ₹15 हजार नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है. गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम विजय नारायण मिश्र, इंस्पेक्टर राकेश कुमार गौतम, राज किशोर पाण्डेय, अनीता सिंह, दरोगा नीलम सिंह, संजीव कुमार कन्नौजिया, सतीश सिंह, हेड कांस्टेबल श्याम लाल गुप्ता, आलोक कुमार सिंह, प्रभात द्विवेदी, राजेन्द्र पाण्डेय, कांस्टेबल पृथ्वीराज सिंह, चन्द्रशेखर यादव, देवेन्द्र यादव, दिलीप कुमार, अनिल मौर्या, अवनीश सिंह, दिलीप, अंकित प्रजापति, विजय कुमार, पुनीता यादव और प्रीति सिंह शामिल रही. इस गिरफ्तारी में सर्विलांस सेल का विशेष सहयोग रहा है.