UP संगीत नाटक अकादमी ने की पुरस्कारों की घोषणा, महंत संकटमोचन और महाराजा बनारस को संगीत कला उन्नयन के लिए किया जाएगा सम्मानित...

संकटमोचन मन्दिर के महंत व राजा बनारस की पहल पर लुप्त हो रहे ध्रुपद शैली को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया, धीरे-धीरे ध्रुपद मेले का महत्त्व इतना बढ़ गया है, हर वर्ष ध्रुपद तीर्थ (तुलसीघाट) पर अंतरराष्ट्रीय ध्रुपद मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें देश के कोने-कोने से ध्रुपद शैली के गायन-वादन के कलाकर जुटते है। इसके अलावा श्री संकटमोचन मन्दिर में भी होने वाले संगीत समारोह अब अपने शतकीय सोपान की ओर बढ़ रहा है। छह दिवसीय होने वाले इस संगीत समारोह में एक से बढ़कर एक कलाकार अपनी हाजिरी बजाते है, इससे न केवल कला को बढ़ावा मिलता है बल्कि कलाकारों को एक अंतरराष्ट्रीय मंच भी प्रदान होता है।

UP संगीत नाटक अकादमी ने की पुरस्कारों की घोषणा, महंत संकटमोचन और महाराजा बनारस को संगीत कला उन्नयन के लिए किया जाएगा सम्मानित...

लखनऊ,वाराणसी/भदैनी मिरर। उत्तर प्रदेश संगीत अकादमी के कार्यकारिणी समिति और सामान्य परिषद की बैठक के बाद पुरस्कार की घोषणा कर दी गई। अकादमी के अध्यक्ष पद्मश्री डा.राजेश्वर आचार्य की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है। अकादमी पुरस्कार में संगीत व संगीतकारों के हितैषी वाराणसी संकटमोचन मन्दिर के महन्त प्रो.विशम्भरनाथ मिश्र वाराणसी और महाराज कुमार अनन्त नारायण सिंह को संगीत कला उन्नयन के लिए संयुक्त रूप से चयनित किया गया तो वही बरेली के डा.बृजेश्वर सिंह को नाट्य कला उन्नयन के लिए चुना गया। सम्मान की घोषणा होने के बाद महंत संकटमोचन प्रो. विशंभरनाथ मिश्र ने कहा कि यह बनारस का सम्मान है।


अकादमी के सचिव तरुण राज ने बताया कि उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी का प्रतिष्ठित बी.एम.शाह पुरस्कार मुम्बई के चन्द्रप्रकाश द्विवेदी को व सफदर हाशमी पुरस्कार मुम्बई के ही विपुल कृष्ण नागर को प्रदान किया जायेगा। जबकि अकादमी की रत्न सदस्यता डा.पूर्णिमा पाण्डेय लखनऊ, उस्ताद युगान्तर सिन्दूर लखनऊ, कुंवर जी अग्रवाल वाराणसी और उर्मिला श्रीवास्तव मीरजापुर को प्रदान की जाएगी। अन्य अकादमी पुरस्कारों में डा.शरदमणि त्रिपाठी, गोरखपुर (शास्त्रीय गायन), ब्रह्मपाल नागर, गौतमबुद्धनगर (रागिनी लोकगायन), रामेश्वर प्रसाद मिश्र लखनऊ (शास्त्रीय गायन), विशाल कृष्णा वाराणसी (कथक नृत्य), भूरा यादव, तिदौली महोबा (राई लोकनृत्य), अनिल मिश्रा गुरुजी लखनऊ (नाट्य निर्देशन), अष्टभुजा मिश्र वाराणसी (नौटंकी-अभिनय व निर्देशन), पं.विनोद लेले दिल्ली (तबला वादन) और फतेह अली खां वाराणसी (शहनाई वादन) का चयन किया गया। 


सचिव ने बताया कि बी.एम.शाह पुरस्कार के लिए चन्द्रप्रकाश द्विवेदी मुम्बई (निर्देशन) तथा सफदर हाशमी पुरस्कार के लिए विपुलकृष्ण नागर मुम्बई (निर्देशन व अभिनय) के नामों की घोषणा की गयी। साथ ही अकादमी रत्न सदस्यता के लिए डा.पूर्णिमा पाण्डे, लखनऊ (कथक नृत्य); उस्ताद युगान्तर सिन्दूर, लखनऊ (सुगम गायन); श्री कुंवर जी अग्रवाल, वाराणसी (रंगमंच समीक्षा); श्रीमती उर्मिला श्रीवास्तव, मीरजापुर (लोक गायन) के नामों की घोषणा की गयी। अकादमी पुरस्कार के लिए लगभग 344 संस्तुतियां प्राप्त हुई थीं जिस पर विभिन्न उप समितियों द्वारा गहन विचार-विमर्श के उपरान्त अपनी संस्तुतियां दी गयीं थी। ये पुरस्कार समारोह आयोजित कर प्रदान किये जाएंगे।