UP-STF ने हत्या के मामले में आजीवन कारावास के सजायाफ्ता को किया अरेस्ट, 16 साल से पुलिस कस्टडी से हुआ था फरार...
UP-STF ने 16 वर्षों से पुलिस कस्टडी से फरार हत्या की घटना में आजीवन कारावास से दोषी ₹ 25 हजार के इनामी आरोपी सुरेश मिश्रा उर्फ लाल बहादुर को गिरफ्तार किया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। UP-STF ने 16 वर्षों से पुलिस कस्टडी से फरार हत्या की घटना में आजीवन कारावास से दोषी ₹ 25 हजार के इनामी आरोपी सुरेश मिश्रा उर्फ लाल बहादुर को गिरफ्तार किया है. आरोपी महराजगंज मिसिर गंजा (हरैया) बस्ती का रहने वाला है. एसटीएफ ने इसकी गिरफ्तारी कैण्ट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 9 के पीछे (कैण्ट) वाराणसी से की है.
एसटीएफ वाराणसी यूनिट के इंस्पेक्टर पुनीत परिहार को अभिसूचना संकलन के दौरान विश्वस्त सूत्र से ज्ञात हुआ कि 16 वर्षों से पुलिस अभिरक्षा से फरार हत्याकाण्ड में आजीवन कारावास का सजायाफ्ता व 25 हजार रूपये का पुरस्कार घोषित आरोपी सुरेश मिश्रा वाराणसी के कैण्ट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 9 के पीछे मौजूद है. जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तार अभियुक्त ने एसटीएफ के पूछताछ में बताया कि उसका सगे पट्टीदार रामाशीष मिश्रा से जमीन सम्बन्धी वाद काफी समय से चला आ रहा था. वर्ष 2001 में 12 फरवरी को बांस काटने की बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया. जिस दौरान सुरेश ने रामाशीष के पक्ष से आये विनोद मिश्रा की चाकू मारकर हत्या कर दिया था. जिसमें सुरेश मिश्रा और उसका भाई रामसागर मिश्रा के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत हुआ था. इस मामले में कोर्ट ने 24 मार्च 2007 को सुरेश को आजीवन कारावास एवं 20 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया था. सुरेश केन्द्रीय कारागार वाराणसी में निरूद्ध किया गया था.
बताया कि उसे वर्ष 2008 में पीलिया रोग हो गया. जिसके ईलाज के लिये जेल सुरक्षाकर्मियों की अभिरक्षा में राजकीय मण्डलीय चिकित्सालय कबीरचौरा में भर्ती कराया गया था. जहां से 9 अक्टूबर को वह अस्पताल से फरार हो गया था. फरार होने के बाद यह दिल्ली जाकर लाल बहादुर राम के नाम से रहने लगा तथा वहीं पर राजगीर का काम करने लगा. फरार होने के बाद अपना नाम, पता बदल-बदल कर कई स्थानों पर रहा. सुरेश पर वाराणसी पुलिस ने ₹ 25 हजार का इनाम घोषित किया था. मंगलवार को जब वह अपने निजी काम से वाराणसी आया तो एसटीएफ की फील्ड इकाई वाराणसी ने गिरफ्तार कर लिया.