UP-ATS ने PFI से जुड़े दो युवकों को वाराणसी से किया गिरफ्तार, आदमपुर पुलिस कर रही कार्रवाई...
यूपी एटीएस ने शनिवार को टेरर फंडिंग के मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के दो सक्रिय सदस्यों को पकड़ कर कमिश्नरेट की आदमपुर थाने की पुलिस को सौंपा है।
वाराणसी,भदैनी मिरर। यूपी एटीएस ने शनिवार को टेरर फंडिंग के मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के दो सक्रिय सदस्यों को पकड़ कर कमिश्नरेट की आदमपुर थाने की पुलिस को सौंपा है। उत्तर प्रदेश की आतंकवाद निरोधक दस्ते की तफ्तीश में सामने आया है कि बनारस में PFI के 23 सक्रिय सदस्य हैं। वहीं, PFI अप्रत्यक्ष रूप से 100 से ज्यादा लोग जुड़े हैं।
आदमपुर और जैतपुरा क्षेत्र निवासी शाहिद और रिजवान साड़ी तैयार करने का काम करते थे। दोनों के मोबाइल और लैपटॉप से PFI से संबंधित साहित्य और बैठकों के रिकॉर्ड्स यूपी-ATS के हाथ लगे हैं। पूछताछ में सामने आया है कि दोनों PFI के लिए चंदा उगाहने का काम करते थे। मुस्लिम समाज के लोगों को भड़काते थे कि अयोध्या की बाबरी मस्जिद की तरह ज्ञानवापी को हाथ से नहीं जाने दिया जाएगा। ज्ञानवापी की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी जाएगी। कहते थे कि ज्ञानवापी मुसलमानों की थी, है और रहेगी। इसके अलावा दोनों PFI के संदेश को मुस्लिम समाज के युवाओं को प्रचारित और प्रसारित करने का काम भी करते थे। दोनों को आदमपुर थाने की पुलिस आज अदालत में पेश कर अदालत में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भिजवाने की तैयारी में है। फिलहाल, दोनों की गिरफ्तारी के संबंध में अभी कमिश्नरेट की पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
वाराणसी के जिला जज की कोर्ट ने बीती 12 सितंबर को आदेश दिया था कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई जारी रहेगी। इस पर नाराजगी जताते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के चेयरमैन ओएमए सलाम ने बयान जारी किया था। कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर रोजाना पूजा के लिए दी गई हिंदू श्रद्धालुओं की याचिका को बरकरार रखने के वाराणसी के जिला जज के फैसले से अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारों पर फासीवादी हमलों को और ज्यादा मजबूती मिलेगी। हम हाईकोर्ट में इस आदेश को चैलेंज करने के मसाजिद कमेटी के फैसले के साथ खड़े हैं।