दर्दनाक: ट्रैक्टर की चपेट में आने से मासूम की मौत, ग्रामीणों ने की चालक की धुलाई, मशक्कत से छुड़ाया गया जाम

दर्दनाक: ट्रैक्टर की चपेट में आने से मासूम की मौत, ग्रामीणों ने की चालक की धुलाई, मशक्कत से छुड़ाया गया जाम
घटनास्थल पर परिजनों संग प्रदर्शन करते ग्रामीण और मौके पर मौजूद पुलिस फोर्स

वाराणसी,भदैनी मिरर। चौबेपुर के चुमकुनी गांव के समीप रविवार की शाम ईंट लादे तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने 10 साल के मासूम को कुचल दिया। हादसे में घटनास्थल पर ही मासूम की मौत हो गई। घटनास्थल के समीप मौजूद ग्रामीणों ने दौड़ा कर ट्रैक्टर चालक को पकड़ा और जमकर पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद चौबेपुर-बाबतपुर मार्ग पर सभी ने जाम लगा दिया। ग्रामीणों ने मांग की कि पीड़ित परिजनों को मुआवजा दिया जाए और चालक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। चौबेपुर और चोलापुर थाने की फोर्स के साथ सीओ पिंडरा ने ग्रामीणों को समझाबुझाकर लगभग ढाई घंटे की मशक्कत के बाद जाम खत्म कराया।घटना के बाद सड़क जामकर सड़क पर बैठे ग्रामीण और परिजन

मिली जानकारी के मुताबिक चौबेपुर थाना अंतर्गत देवलपुर निवासी राजकुमार राम का बेटा विजय (10) चुमकुनी गांव में दाना भुनवाने गया था। दाना भुनाकर वह वापस घर जा रहा था। रौना कलां भट्‌ठे से ईंट लेकर ट्रैक्टर चौबेपुर की ओर जा रहा था। चुमकुनी गांव के समीप एक ऑटो को ओवरटेक करने के चक्कर में तेज रफ्तार ट्रैक्टर के पहिये के नीचे विजय का सिर आ गया और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। घटनास्थल के समीप मौजूद ग्रामीणों ने हादसा देख कर ट्रैक्टर का पीछा किया और चालक को पकड़ कर उसकी जमकर पिटाई की। पुलिस के आने पर चालक और ट्रैक्टर को ग्रामीणों ने सौंप दिया। इस बीच विजय के परिजन और भारी संख्या में ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगा दिया।

छोटा बेटा था विजय, माँ बेसुध

मासूम को कुचलने वाले ट्रैक्टर को ग्रामीणों द्वारा रोका गया

राजकुमार के 2 बेटों में विजय छोटा था। विजय का क्षतविक्षत शव देख उसकी मां सुनीता बेसुध हो गई। ग्रामीण सुनीता और उसके बड़े बेटे अजय को बड़ी ही मुश्किल से संभाले हुए थे। राजकुमार का भी रो-रोकर बुरा हाल था। घटना से गुस्साए ग्रामीणों का कहना था कि पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से तत्काल मुआवजा दिया जाए। सीओ पिंडरा अभिषेक कुमार पांडेय ग्रामीणों को समझाबुझाकर शांत कराया।उन्होंने आश्वस्त किया कि पीड़ित परिवार को सरकारी नियमानुसार मुआवजा दिलाया जाएगा, लेकिन कोई उनकी सुनने को तैयार नहीं था। लगभग ढाई घंटे की मशक्कत के बाद जाकर किसी तरह से जाम खत्म हुआ तो लोगों ने राहत की सांस ली। जाम लगाए जाने के कारण सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई थी।