Video: बिंदु माधव धरहरा मंदिर का मामला भी पहुंचा अदालत, याचिका में दावा औरंगजेब ने तुड़वाया मंदिर ...
ज्ञानवापी प्रकरण के बाद अब बिंदुमाधव धरहरा का मामला भी अदालत तक पहुंच गया है. सिविल जज जूनियर डिविजन की कोर्ट में याचिका डाली गई है. दावा किया गया है कि औरंगजेब ने मंदिर तोड़वाकर मुस्लिमों के उपासना स्थल का निर्माण कराया था.
वाराणसी,भदैनी मिरर। पंचगंगा घाट स्थित प्राचीन बिंदु माधव धरहरा का मामला भी अदालत में पहुंच गया है। कोर्ट में याचिका दायर कर मंदिर क्षेत्र में हिंदुओं को पूजा-पाठ व अन्य धार्मिक कार्य करने की इजाजत देने और मुसलमानों को प्रवेश करने से प्रतिबंधित करने की मांग को लेकर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) आकाश वर्मा की अदालत में वाद दाखिल किया गया है। बिंदु माधव धरहरा मंदिर को भी मुगल बादशाह औरंगजेब ने तोड़वाकर यहां मस्जिद का निर्माण कराया था।
दावा औरंगजेब ने तोड़वाया चबूतरा
गायघाट निवासी अतुल, हरतीरथ निवासी राहुल मिश्रा, कोटवां निवासी राजेंद्र प्रसाद, मध्यमेश्वर कोतवाली निवासी श्यामजी सिंह व मच्छोदरी निवासी रमेश यादव ने वकील राजा आनंद ज्योति के मार्फत अदालत में यह वाद दायर किया है। अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए चार जुलाई की तिथि तय की है। वाद में कहा गया है कि पहले पंचगंगा घाट पर बिंदु माधव (भगवान विष्णु) का मंदिर था। औरंगजेब ने इसे तोड़वाकर 1669 में बड़े चबूतरे पर मस्जिद का निर्माण कराया। इसे धरहरा मस्जिद के नाम से जाना जाता है।
फिलहाल यह आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया, (एएसआइ) के संरक्षण में है। मौके के अवलोकन से स्पष्ट प्रतीत होता है कि मंदिर के अवशेष पर मुस्लिम उपासना स्थल का निर्माण कराया। गया है। मत्स्यपुराण में दशाश्वमेध, लोलार्क कुंड, आदि केशव, बिंदु माधव व मणिकर्णिका को तीर्थ की मान्यता है। बिंदु माधव को लेकर यह मान्यता इससे भी पुष्ट होती है कि यह पंचगंगा पर स्थित है जिसके बारे में कहा जाता रहा है कि यहां पांच नदियों (पंचनद) यथा गंगा, यमुना, विशाखा, धूतपापा और किरणा का संगम का मिलन होता है। इस नाते यहां श्रीहरि को समर्पित कार्तिक में मास पर्यंत स्नान व बिंदु माधव के दर्शन का विधान है।