संत रविदास की प्रतिमा का अनावरण कर INDIA गठबंधन पर साधा निशाना, म्यूजियम की रखी आधारशिला...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता भवन के कार्यक्रम के बाद सड़क मार्ग से सीर गोवर्धनपुर पहुंचे.
वाराणसी, भदैनी मिरर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता भवन के कार्यक्रम के बाद सड़क मार्ग से सीर गोवर्धनपुर पहुंचे. जहां उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ संत गुरु रविदास की 647वीं जयंती समारोह में शामिल हुए. लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद पीएम मोदी पंजाब और हरियाणा को साधने की कोशिश की. पीएम सबसे पहले संत रविदास मंदिर में मत्था टेका उसके बाद कॉरिडोर से होते हुए सभास्थल पहुंचे.
पीएम मोदी का मंदिर ट्रस्ट की ओर से सम्मान किया गया. जहां पीएम ने 25 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया. यह पहला मौका नहीं जब ओम मोदी सीर गोवर्धनपुर पहुंचे है. इसके पहले पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भी 2016 में पीएम मोदी पहुंचे थे. वहां लंगर छककर एक खास वोटबैंक के बीच अपना संदेश पहुंचाया था. इसके बाद पीएम वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भी बतौर पीएम नरेंद्र मोदी यहां संगत के बीच पहुंचे थे.
संत रविदास ने कमजोर और विभाजित हो चुके भारत को नई ऊर्जा दी
पीएम मोदी ने संत रविदास जी की नई कांस्य प्रतिमा के लोकार्पण और संत रविदास म्यूजियम की आधारशिला रखने के बाद रैदासियों को संबोधित करते हुए कहा कि यहां का सांसद होने के नाते, काशी का जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरी विशेष जिम्मेदारी भी बनती है कि मैं बनारस में आप सबका स्वागत भी करूं और आप सबकी सुविधाओं का खास ख्याल भी रखूं. उन्होंने कहा मुझे खुशी है कि संत रविदास जी की जयंती पर मुझे इन दायित्वों को पूरा करने का अवसर मिला है. पीएम ने कहा भारत का इतिहास रहा है, जब भी देश को जरूरत हुई है, कोई न कोई संत, ऋषि, महान विभूति भारत में जन्म लेते हैं. संत रविदास जी तो उस भक्ति आंदोलन के महान संत थे, जिन्होंने कमजोर और विभाजित हो चुके भारत को नई ऊर्जा दी थी. रविदास जी ने समाज को आजादी का महत्व भी बताया था और सामाजिक विभाजन को भी पाटने का काम किया. ऊंच नीच, छुआछूत, भेदभाव... इस सबके खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई.
हमारी सरकार रविदास के विचारों को आगे बढ़ा रही
पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारी सरकार रविदास जी के विचारों को ही आगे बढ़ा रही है. भाजपा सरकार सबकी है, भाजपा सरकार की योजनाएं सबके लिए हैं. 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' ये मंत्र आज 140 करोड़ देशवासियों से जुड़ने का मंत्र भी बन गया है. समानता, वंचित समाज को प्राथमिकता देने से ही आती है. इसलिए जो लोग, जो वर्ग विकास की धारा से दूर रह गए, पिछले 10 वर्षों में उनको ध्यान में रखकर ही काम हुआ है. पहले जिस गरीब को सबसे आखिरी समझा जाता था, आज सबसे बड़ी योजनाएं उन्हीं के लिए बनी हैं.
इंडी गठबंधन के लोग योजनाओं का विरोध करते हैं
आज देश के हर दलित को, हर पिछड़े को एक और बात ध्यान रखनी है. हमारे देश में जाति के नाम पर उकसाने और उन्हें लड़ाने में भरोसा रखने वाले इंडी गठबंधन के लोग दलित, वंचित के हित की योजनाओं का विरोध करते हैं. जाति की भलाई के नाम पर ये लोग अपने परिवार के स्वार्थ की राजनीति करते हैं. परिवार को आगे बढ़ाने की बात करते है.