विधर्मी उठाते रहे है बाबाओं पर उंगली: स्वामी अशुतोषानंद गिरी बोले - तंत्र साधना से होते रहे है चमत्कार, जांचकर रद्द हो अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति का रजिस्ट्रेशन...
निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी अशुतोषानंद गिरी ने कहा की बाबाओं पर विधर्मी उंगली उठाते रहे है. तंत्र साधना से चमत्कार होते रहे है. जिस संस्था ने सनातन परंपरा पर उंगली उठाई है उस संस्था अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति का रजिस्ट्रेशन रद्द होना चाहिए.
वाराणसी, भदैनी मिरर। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और नागपुर के श्याम मानव के संस्था अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के बीच छिड़ी रार के बीच संत समाज अब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में उतरने लगा है. सोमवार को निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी अशुतोषानंद गिरी ने महमूरगंज स्थित कैलाश मठ में कहा की जब-जब सनातन धर्म का तेजी से किसी ने प्रचार शुरु किया है तो ईसाई मिशनरी षड्यंत्र के तहत अवरोध उत्पन्न करता है.
तंत्र शास्त्र हमारा वैदिक शास्त्र है
स्वामी अशुतोषानंद गिरी ने कहा की अंधविश्वास वह होता है जो बिना देखे विश्वास किया जाए. दोनों आखों से देखने के बाद विश्वास करना अंधविश्वास नहीं हो सकता. तंत्र शास्त्र हमारा वैदिक शास्त्र है. तंत्र में सारा चमत्कार होता रहा है. तंत्र साधना ऊर्जा की विद्या होती है जो पुण्यतः वैज्ञानिक पद्धति है. बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कोई चमत्कारिक बाबा नहीं है, वह कहते है की कोई भी आकर देख सकता है.
श्याम मानव अपना धर्म बताएं
स्वामी आशुतोषानंद गिरी ने कहा की हमारे धर्म में कोई आगे बढ़ा है तो उसका मर्दन करने के लिए कोई न कोई आगे आया है. ऐसा कोई दूसरे धर्म में करके दिखाए तो मैं जानू. उन्होंने कहा की नागपुर वाले श्याम मानव पहले अपना धर्म बताएं. आपको सनातन को लेकर बोलने का अधिकार किसने दिया? श्याम मानव किस धर्म से आते है और किस धर्म को मानते है? उन्होंने कहा की बहुत समय पहले राजीव दीक्षित ने यह सवाल पूछा तो उन्होंने कहा था वह धर्म को नहीं विज्ञान को मानते है. वह भी विदेशी विज्ञान. तो मैं कहना चाहता हूं की वह पहले विदेशियों पर ही अपना विज्ञान का उपयोग करें.
उन्होंने कहा की अन्य धर्म वाले जो सच में अंधविश्वास फैलाते है उनके खिलाफ बोलकर कुछ कर के दिखाइए.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने तो स्वीकार की चुनौती
स्वामी अशुतोषानंद जी महराज ने कहा की हम बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चीजों को अंधविश्वास नहीं मानते, क्योंकि वह खुद अंधविश्वास से दूर रहने की अपील करते है. वह यह कहते है आप धाम पर आइए और फायदा होने पर विश्वास करें. तंत्र साधना हमारे धर्म में वैदिक है और पुण्यतः वैज्ञानिक है. उन्होंने चुनौती स्वीकार कर ली है, नागपुर वाले श्याम मानव रायपुर जाए जहां उनकी कथा चल रही है. पीठ पीछे कुछ भी बोलना ठीक नहीं.
बाबाओं को बदनाम करने से हिंदू धर्म बदनाम हों जाएगा
स्वामी अशुतोषानंद ने कहा की ईसाई मिशनरी के एजेंडा पर चलने वाले यह सोचते है की बाबाओं को यह बदनाम कर देंगे तो हिंदू धर्म बदनाम हो जायेगा. उन्होंने कहा की जितने भी विधर्मी आए उन सब ने पहले हिंदू धर्म को ही नुकसान पहुंचाया. धर्म की गति को रकने के लिए पहले उन्होंने प्रचारकों को बदनाम किया.
अशुतोषानंद ने सवाल खड़े करते हुए कहा की उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो तो गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं होती, लेकिन सनातन धर्म के बाबाओं के खिलाफ कुछ भी हो तो उसे व्यास पीठ से गिरफ्तार कर लिया जाता है. सरकार से मांग करता हूं की खासकर जो यह हरकत हिंदू बाबाओं के साथ होती है उसे रोकना चाहिए. जो व्यक्ति व्यास पीठ पर संकल्प लेकर बैठा है उसके कार्यक्रम को खत्म होने तक परेशान नहीं किया जाना चाहिए.
षड्यंत्रकारियों का उन्मूलन जरूरी है
स्वामी अशुतोषानंद ने कहा की ईसाई मिशनरी के षड्यंत्र के तहत सनातन धर्म को बदनाम करने की कोशिश निरंतर जारी है. ऐसे षड्यंत्रकारियों का उन्मूलन जरूरी है. नागपुर के श्याम मानव के संस्था अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की जांच होनी चाहिए. उनको किसने अधिकार दिया सनातनियों पर उंगली उठाने का. उसको पहले सनातन परंपरा को पढ़ना चाहिए सनातनी होना चाहिए उंगली उठाने से पहले. कोई व्यक्ति तंत्र साधना करके आगे बढ़ रहा है तो उसे कैसे पाखंडी कहा जा सकता है?
उन्होंने सरकार से गुहार लगाई की ऐसे अनाधिकृत व्यक्ति को किसी भी बाबा या संत पर टिका टिपण्णी करने से रोका जाए और संस्था की जांच कर रजिस्ट्रेशन को रद्द किया जाए.