बुलडोजर एक्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई, कहा- किसी भी धर्म के धार्मिक ढांचे...

सुप्रीम कोर्ट में मंंगलवार को बुलडोजर एक्शन मामले सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी धर्म के धार्मिक ढांचे द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाया जाना आवश्यक है

बुलडोजर एक्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई, कहा- किसी भी धर्म के धार्मिक ढांचे...

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में मंंगलवार को बुलडोजर एक्शन मामले सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी धर्म के धार्मिक ढांचे द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाया जाना आवश्यक है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार किया जाएगा.

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि अतिक्रमण हटाने से पहले रजिस्टर्ड डाक के जरिए 10 दिन का नोटिस भेजा जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि किसी एक समुदाय को निशाना बनाने का आरोप गलत है.

जस्टिस गवई ने कहा कि चाहे कोई भी धर्म हो, अवैध निर्माण को हटाया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि केवल किसी पर अपराधी होने का आरोप लगाना किसी ढांचे को गिराने का आधार नहीं हो सकता. जस्टिस विश्वनाथन ने जोर देकर कहा कि अगर एक जैसे दो अवैध निर्माण हैं और उनमें से सिर्फ एक को गिराया जाता है, तो सवाल उठना लाज़मी है.