यूपी सरकार की सख्ती: संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने पर 39,000 सरकारी कर्मचारियों की सैलरी रोकी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा 30 सितंबर तक मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया था. हालांकि, इस आदेश के बावजूद 39,000 से अधिक कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का विवरण जमा नहीं किया.

यूपी सरकार की सख्ती: संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने पर 39,000 सरकारी कर्मचारियों की सैलरी रोकी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा 30 सितंबर तक मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया था. हालांकि, इस आदेश के बावजूद 39,000 से अधिक कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का विवरण जमा नहीं किया. सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो कर्मचारी इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, उन्हें अक्टूबर महीने की सैलरी नहीं दी जाएगी.

39,077 कर्मचारियों ने नहीं किया अनुपालन

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 90 विभागों में से कुल 8,27,583 कर्मचारियों में से केवल 7,88,506 ने ही अपनी संपत्ति की जानकारी अपलोड की है. लगभग 39,077 कर्मचारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया, जिसके चलते उनकी अक्टूबर की सैलरी पर रोक लगाई गई है.

किन विभागों से मांगा गया ब्यौरा?

सरकार ने टेक्सटाइल, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि, महिला कल्याण, बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास और राजस्व विभाग सहित कई विभागों के कर्मचारियों से उनकी संपत्ति का विवरण मांगा था. कुछ विभागों ने उच्च अनुपालन दर दिखाई है, जैसे कि यूपी पुलिस के 99.65 प्रतिशत और कृषि विभाग के 99 प्रतिशत कर्मचारियों ने अपना ब्यौरा जमा कर दिया है.

संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने पर कार्रवाई

सरकार ने साफ कर दिया है कि जब तक सभी कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड नहीं कर लेते, तब तक उनकी सैलरी रोक दी जाएगी. इस कदम से उन कर्मचारियों पर दबाव बढ़ा है जिन्होंने अब तक इसे गंभीरता से नहीं लिया था. सरकार का यह फैसला चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां कुछ इसे पारदर्शिता के लिए एक सही कदम मानते हैं, वहीं कुछ इसे कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन मानते हैं.

अब देखना होगा कि ये 39,000 कर्मचारी सरकार के इस आदेश का पालन करते हैं या इसके खिलाफ कोई प्रतिक्रिया देते हैं.