शिवसेना भी ठोकेगी UP विधानसभा चुनाव में ताल, बनारस में प्रदेश अध्यक्ष बोले मुगल काल से भी ज्यादा मंदिर भाजपा सरकार में टूटे करेंगे पदयात्रा...

शिवसेना भी ठोकेगी UP विधानसभा चुनाव में ताल, बनारस में प्रदेश अध्यक्ष बोले मुगल काल से भी ज्यादा मंदिर भाजपा सरकार में टूटे करेंगे पदयात्रा...

वाराणसी, भदैनी मिरर। महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ सरकार चला रही है शिवसेना अब अपनी धमक यूपी में कराने का मूड बना ली है। बुधवार को सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता कर शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर अनिल सिंह ने योगी-मोदी सरकार पर जमकर शब्दबाण चलाए। उन्होंने कहा कि वाराणसी में मुगल काल से भी ज्यादा मंदिर भाजपा की सरकार में टूटे हैं। काशी और अयोध्या में सैकड़ों मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया। जिस हिंदुत्व और मंदिरों के बल पर भाजपा सरकार बनाई थी उसी का विनाश करने में वह जुट गई है। 15 अगस्त से काशी और अयोध्या में शिव सेना मंदिर बचाओ आंदोलन शुरू करेगी। हम पदयात्रा कर लोगों को बताएंगे कि कैसे प्राचीन और दुर्लभ मंदिरों को भाजपा की प्रदेश और केंद्र सरकार ने विकास के नाम पर ध्वस्त कर दिया।


शिव सेना के प्रदेश प्रमुख ने कहा कि हमारी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। काशी और अयोध्या में पदयात्रा के बाद हम भाजपा का पोल खोल कार्यक्रम शुरू करेंगे। उत्तर प्रदेश के लोगों को बताएंगे कि हिंदुत्व के नाम पर भाजपा ने कैसे छला है। जल्द ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे। उनके मार्गदर्शन में हम उत्तर प्रदेश में सशक्त तरीके से चुनाव लड़ेंगे। लोगों को बताया जाएगा कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए वर्षों से लोगों ने जो दान दिया है अब किस तरह से उसका बंदरबांट किया जा रहा है। हिंदुत्व के नाम पर छलने वालों को शिव सेना नहीं छोड़ेगी।


आखिर यह कैसा हुआ है बनारस का विकास


ठाकुर अनिल सिंह ने कहा कि वह मंगलवार को पार्टी पदाधिकारियों के साथ आगामी चुनाव की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक किए। रात में उन्होंने देखा कि थोड़ी देर की बारिश में बनारस की सड़कें पानी से लबालब भर गईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बताएं कि उन्होंने यह कैसा क्योटो बनाया है और कैसा विकास किया है। क्या इसी विकास के लिए काशी की जनता उन्हें लगातार 2 बार से अपना सांसद चुन रही है कि उनके घरों और दुकानों में पानी भर जाए। सीवर के मैनहोल खुले रहें। यह विकास है या विनाश है, इस बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है।