नारी तू नारायणी सम्मान समारोह: सद्गुरु ऋतेश्वर महाराज का संदेश, "नारी भारत की समस्याओं का समाधान है"

पैनेसिया एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी द्वारा संचालित पैनेसिया हॉस्पिटल के तत्वावधान में आयोजित "मधुमेह एवं हृदयाघात मुक्त भारत" और "नारी तू नारायणी सम्मान समारोह" में सद्गुरु परम पूज्य ऋतेश्वर महाराज ने नारी शक्ति को भारतीय संस्कृति की आधारशिला बताया.

नारी तू नारायणी सम्मान समारोह: सद्गुरु ऋतेश्वर महाराज का संदेश, "नारी भारत की समस्याओं का समाधान है"

वाराणसी, भदैनी मिरर। पैनेसिया एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी द्वारा संचालित पैनेसिया हॉस्पिटल के तत्वावधान में आयोजित "मधुमेह एवं हृदयाघात मुक्त भारत" और "नारी तू नारायणी सम्मान समारोह" में सद्गुरु परम पूज्य ऋतेश्वर महाराज ने नारी शक्ति को भारतीय संस्कृति की आधारशिला बताया. उन्होंने कहा, "यदि पुरुष को नर-नारायण कहा जाता है, तो नारी नारायणी है. नारी इस धर्मप्राण देश की रीढ़ है, और यदि वह चाहे तो भारत की सभी समस्याओं का समाधान मिनटों में कर सकती है. नारी ने प्राचीन काल से आज तक अपनी तपस्या और बलिदान से यह सिद्ध किया है कि उसकी सामर्थ्य किसी से कम नहीं है.

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कामाख्या स्थित चाणक्य प्रेक्षागृह में हुए इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि और उत्तर प्रदेश भाजपा मंत्री मीना चौबे ने नारी की जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, "नारी दो घरों की धुरी होती है—मायका और ससुराल। वह अपने संस्कारों से साधारण बालक को शिवाजी या नरेंद्र मोदी बना सकती है. नारी का कर्तव्य है कि वह अपने पुत्र को ऐसे संस्कार दे कि वह समाज का नेतृत्व कर सके.

इस कार्यक्रम में पैनेसिया हॉस्पिटल के निदेशक और मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष मिश्रा ने कहा, "मधुमेह जैसी जटिल बीमारी का समाधान अध्यात्म में है. अगर लोग अपनी जीवनशैली को अध्यात्म के अनुसार ढाल लें, तो मधुमेह पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है. सही आहार, व्यवहार और विचार से इस रोग को रोका जा सकता है।" वहीं, हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पल्लवी मिश्रा ने महिलाओं को हृदय रोग के बारे में जानकारी दी और बताया कि सही जानकारी और रोकथाम से हृदयाघात की स्थिति से बचा जा सकता है.

इस अवसर पर काशी के विभिन्न क्षेत्रों से आई लगभग 700 महिलाओं में से समाज सेवा और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 111 महिलाओं को सम्मानित किया गया. इनमें चंद्रकला मिश्रा, शशिकला पांडे, ऋषिका मिश्रा, गरिमा पांडे, करुणा सिंह, कंचन सिंह, शशिकला भारती, इंदु दुबे, चंद्रकला रावत, नमिता सिंह, प्रज्ञा पांडेय, रुचि पाठक, डॉ. संध्या ओझा, डॉ. रीना सिंह, आरती टंडन, डॉ. सुनीता तिवारी, जमुना शुक्ला, अंशु पांडेय, नीलू राय, दीपिका दास, विद्या पटेल प्रमुख थीं.

कार्यक्रम का संयोजन और संचालन डॉ. उत्तम ओझा ने किया, धन्यवाद ज्ञापन सह-निदेशक डॉ. नूपुर ओझा द्वारा किया गया. प्रमुख अतिथियों में डॉ. अभिषेक मिश्रा, डॉ. तुलसी दास, डॉ. आनंद मौर्य, प्रदीप पांडेय, श्याम लाल पटेल, पंकज पांडेय, वरुण सिंह और प्रतिमा मिश्रा शामिल थे.