BJP पार्षदों का नगर आयुक्त कार्यालय में हंगामा, पार्षद ने दी आत्मदाह की चेतावनी, वोट प्रतिशत कम होने...
बरसात शुरू होने से पहले मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के करीब 30 पार्षदों ने जनसमस्याओं को लेकर नगर आयुक्त वाराणसी अक्षत वर्मा से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे. इस दौरान सभी पार्षदों ने एक-एक कर अपने वार्डों की समस्याओं को बताना शुरू ही किया कि कमरे में माहौल तल्ख़ हो गया.
वाराणसी,भदैनी मिरर। बरसात शुरू होने से पहले मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के करीब 30 पार्षदों ने जनसमस्याओं को लेकर नगर आयुक्त वाराणसी अक्षत वर्मा से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे. इस दौरान सभी पार्षदों ने एक-एक कर अपने वार्डों की समस्याओं को बताना शुरू ही किया कि कमरे में माहौल तल्ख़ हो गया. जिसके बाद पार्षदों ने नगर आयुक्त पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया. पार्षदों ने साफ़ कहा कि वाराणसी लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोट परसेंट कम होने के पीछे नगर आयुक्त की बड़ी भूमिका है. पार्षदों ने खुद कहा कि काशी की जनता मलजल युक्त पानी पीने या सीवेज से होकर गुजरने को विवश है.
दुर्गाकुंड के पार्षद और नगर निगम के कार्यकारिणी सदस्य अक्षयवर सिंह ने कहा कि नगर आयुक्त से मिलने का समय सुबह 11:30 बजे तय था, बाबजूद इसके हम पार्षदों ने तीन घंटों तक इन्तजार किया. उसके बाद नगर आयुक्त जैसे ही अपने कार्यालय पहुंचे हम पार्षदों ने सीवेज, पेयजल अव्यवस्थित है. पूर्व के कार्यकारिणी में तत्कालीन नगर आयुक्त शीपू गिरी और महापौर अशोक तिवारी ने प्रत्येक वार्डों में तीन कर्मचारी रखने के निर्देश दिए थे जिससे सीवेज की सफाई और पेयजल की समस्या के लिए जलकल को निर्देशित किया गया था, लेकिन कोई भी कार्य मानक के अनुसार नहीं हो पाया है. खुद भाजपा के पार्षद अक्षयवर सिंह ने स्वीकार किया कि आज काशी का प्रत्येक व्यक्ति मलजल में चलने को बाध्य है या तो मलजल पीने को बाध्य है.
नगर आयुक्त का एक जबाब "जाओ-जाओ"
नगर आयुक्त से मुलाकात कर बाहर निकले सभी 30 पार्षद खिन्न रहे. अक्षयवर सिंह ने कहा कि जनसमस्याओं को लेकर जब नगर आयुक्त से वार्ता की गई तो एक ही जबाब मिला "जाओ-जाओ". पार्षदों ने कहा कि आखिर नगर आयुक्त किस परंपरा का निर्वहन कर रहे है. यदि भारतीय जनता पार्टी का पार्षद सम्मानित तरीके से बात करेगा तो नगर आयुक्त दुर्व्यवहार करेंगे? आरोप लगाया कि नगर आयुक्त ने पूरे नगर निगम को नरक निगम बना दिया है. पार्षदों के बात का गोलमटोल जबाब दे रहे है ऐसे नगर आयुक्त को काशी में रहने का कोई अधिकार नहीं है.
पार्षद और कार्यकारिणी सदस्य नगर निगम अक्षयवर सिंह ने आरोप लगाया कि काशी में नगर निगम की भूमिका के चलते 15 प्रतिशत तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वोटिंग कम हुआ उसका उत्तरदायित्व नगर आयुक्त का है. अगर इन्होने सम्पूर्ण और समुचित तरीके से मलजल, पेयजल, समुचित प्रकाश की व्यवस्था, सड़कों का रख-रखाव किया होता तो जनता के मन में मोदी जी के प्रति और भी बेहतर छवि बनती.
काशी में रहने का कोई अधिकार नहीं
भाजपा के पार्षदों ने नगर आयुक्त के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए साफ़ कहा कि बाबा भोलेनाथ अपनी नगरी में सेवक बनाते है. नगर आयुक्त की भाषा "जाओ-जाओ" यह साफ़ करता है कि वह अफसरशाही कर रहे है, उन्हें अधिकारी बनना है तो किसी अन्य जिले में चले जाए. अक्षयवर सिंह ने साफ़ किया कि एक सप्ताह के भीतर सभी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो नगर-निगम के मुख्यद्वार पर आत्मदाह करूंगा.