व्यास पीठ से बोले पंकज शास्त्री-  भवसागर से पार लगाती है श्रीमद् भागवत कथा, भोले संग काशीवासियों को दिया नन्दोत्सव का आमंत्रण

व्यास पीठ से बोले पंकज शास्त्री-  भवसागर से पार लगाती है श्रीमद् भागवत कथा, भोले संग काशीवासियों को दिया नन्दोत्सव का आमंत्रण

वाराणसी,भदैनी मिरर। महमूरगंज के श्रृंगेरी मठ में चल रही संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस शुक्रवार को कथा वाचक पंकज शास्त्री जी महाराज ने कपिल चरित्र, ध्रुव चरित्र, प्रह्लाद चरित्र और नृसिंह अवतार के प्रसंगों का वर्णन किया। पंकज शास्त्री जी महाराज ने कहा कि भगवान विष्णु ने पांचवा अवतार कपिल मुनि के रूप में लिया। इनके पिता का नाम महर्षि कर्दम व माता का नाम देवहूति था। शरशय्या पर पड़े हुए भीष्म पितामह के शरीर त्याग के समय वेदज्ञ व्यास आदि ऋषियों के साथ भगवान श्री कपिल मुनि जी भी वहां उपस्थित थे। भगवान कपिल मुनि जी सांख्य दर्शन के प्रवर्तक हैं। श्री गुरू भगवान कपिल महामुनि जी भागवत धर्म के प्रमुख बारह आचार्यों में से एक हैं। पंकज महाराज ने बताया कि भगवान शिव की अनुमति लिए बिना उमा अपने पिता दक्ष द्वारा आयोजित यज्ञ में भाग लेने पहुंच गईं। यज्ञ में भगवान शिव का आमंत्रण और उनका भाग न दिए जाने पर कुपित होकर सती ने यज्ञ कुंड में आहुति देकर शरीर त्याग दिया। महराज श्री के मधुर भजनों पर उपस्थित महिलाएं अपने आपकों नाचने से नहीं रोक पाई। 

बताया कि राजा हिरणाकश्यप खुद को भगवान समझता था। प्रजा को भी वह उन्हें भगवान मानने के लिए दबाव डालता था। लेकिन हिरणाकश्यप का पुत्र प्रहलाद विष्णु को ही भगवान मानता था। प्रहलाद के इस भक्ति भाव से हिरणाकश्यप नाराज था। एक दिन हिरणाकश्यप ने प्रहलाद से पूछा कि तुम्हारा भगवान विष्णु कहां रहता है। प्रहलाद ने एक खंभे की ओर इशारा करके कहा कि मेरा भगवान हर जगह है। आक्रोश में आकर हिरणाकश्यप ने उस खंभे को तोड़ने का प्रयास किया। खंभे से भगवान विष्णु नरसिंह अवतार में प्रकट हुए। उन्होंने हिरणाकश्यप का वध किया। 

भोले संग काशीवासियों को नंदोत्सव का मिला आमंत्रण

काशी नगरी में चल रहे श्री मद्भागवत कथा में व्यास पीठ से पंकज महराज ने कहा कि जन्म के बाद लाला के दर्शन को बाबा भोले भी पहुंचे थे। ऐसे में कथा के चौथे दिन यानि शनिवार को नंदोत्सव का आयोजन होगा। इसलिए बाबा भोलेनाथ संग उनके भक्तों (काशीवासियों) को हम निमंत्रण देते है। इसके बाद श्रद्धालुओं ने भागवत जी की आरती की। इस दौरान अनुज राही हिंदुस्तानी, वंदना रघुवंशी, अंतरराष्ट्रीय धाविका और आयोजक प्रमुख नीलू मिश्रा, आयोजक सह प्रमुख निहारिका राय, व्यवस्था प्रमुख सचिन मिश्रा, प्रचार-प्रसार एवं मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र त्रिपाठी, प्रिया मिश्रा, पंकज श्रीवास्तव, दिनेश जायसवाल, अजीत श्रीवास्तव, आशीष टन्डन, राजेश पांडेय (विजेता), मीनाक्षी सिंह का अपार सहयोग है।

दूसरे दिन की कथा- ज्ञान, भक्ति, वैराग्य का संगम है भागवत कथा, कृष्ण सेवा की विधि मात्र प्रेम है: पंकज शास्त्री