ज्ञान, भक्ति, वैराग्य का संगम है भागवत कथा, कृष्ण सेवा की विधि मात्र प्रेम है: पंकज शास्त्री

ज्ञान, भक्ति, वैराग्य का संगम है भागवत कथा, कृष्ण सेवा की विधि मात्र प्रेम है: पंकज शास्त्री
व्यास पीठ से श्री मद्भागवत कथा का पाठ करते पंकज शास्त्री महाराज

वाराणसी, भदैनी मिरर। आध्यात्म गौ सेवा मिशन ट्रस्ट मथुरा द्वारा श्रृंगेरी मठ महमूरगंज वाराणसी में आयोजित श्री मद्भागवत कथा के दूसरे दिन व्यास पीठ से श्रीधाम वृंदावन से पधारे पंकज शास्त्री ने श्रोताओं को कृष्ण भक्ति से ओत-प्रोत कर दिया। उन्होंने कहा कि भागवत ज्ञान, भक्ति, वैराग्य का संगम है। श्री कृष्ण भक्ति की एक मात्र विधि है वह है मात्र प्रेम। जैसे आप घर के सदस्यों से प्रेम करते है, समय-समय पर भोजन और सोने की चिंता करते है बस वही प्रेम ठाकुर जी से करना है और उनकी सेवा भी समय से करते रहे।

कथा व्यास पंकज शास्त्री महाराज ने भागवत कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कुंती स्तुति प्रसंग की व्याख्या करते हुए बताया कि कुंती ने भगवान से वरदान में दुख और विपत्ती मांगी। कुंती ने कहा कि सुख में लोग भगवान को भूल जाते हैं और दुख की घड़ी में प्रभु का सदैव स्मरण करते हैं। इस कारण कुंती ने भगवान से दुख और विपत्ति की मांग की। कथा व्यास ने भीष्म स्तुति, परीक्षित के जन्म, पांडव स्वर्गारोहण, सुकदेव जी से परीक्षित द्वारा पूछे गए प्रश्न सहित अन्य प्रसंगों की विस्तारपूर्वक व्याख्या की। इसी प्रसंग में बताया कि राजा परीक्षित को ऋषि बालक के द्वारा सात दिन में मरने का श्राप दिया गया। इस श्राप से मुक्ति के लिए सुकदेव जी का आगमन हुआ। गीता में 18 हजार श्लोक, 335 अध्याय, 12 स्कंध समाहित है। कथा में ज्ञान, भक्ति, वैराग्य का संगम है। संपूर्ण श्राप से मुक्ति दिलाने वाली कथा ही भागवत कथा है। यह कथा संसार में रहने व जीने का मर्म सिखाती है।

कथा में भजनों में लीन श्रद्धालु

कथा में उपस्थित PM नरेंद्र मोदी के छोटे भाई पंकज मोदी संग विशिष्ट जन

भागवत की आरती करते पत्नी संग पंकज मोदी

संकीर्तन से कथा का हुआ विश्राम

दूसरे दिन की कथा का विश्राम  'राधे-राधे' संकीर्तन से हुआ। कथा पंडाल में जुटे श्रोताओं ने 'गोविंदा-गोपाला, मुरली मनोहर नंदलाल', 'सब आरती उतारो लालन की' जैसे कृष्ण भक्ति पर झूमते रहे। इस दौरान कथा व्यास पंकज शास्त्री ने कहा कि जो व्यक्ति भगवान के सामने नाचता है उसे कही और नृत्य करने की जरूरत नहीं पड़ती। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय धाविका और आयोजक प्रमुख नीलू मिश्रा, आयोजक सह प्रमुख निहारिका राय, व्यवस्था प्रमुख सचिन मिश्रा, प्रचार-प्रसार एवं मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र त्रिपाठी, प्रिया मिश्रा, पंकज श्रीवास्तव, दिनेश जायसवाल, अजीत श्रीवास्तव, आशीष टन्डन, राजेश पांडेय (विजेता), मीनाक्षी सिंह का अपार सहयोग है।

यह भी पढ़े- पहले दिवस बोले व्यास भगवत प्राप्ति का सरल माध्यम है कथा