मनीष गुप्ता की मौत पर आक्रोश: पुलिस बर्बरता को लेकर सपा कार्यकर्ताओं ने कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल, Yogi सरकार को घेरा, CBI जांच की मांग
वाराणसी,भदैनी मिरर। गोरखपुर में मनीष गुप्ता पर पुलिस की बर्बरता का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। होटल में सो रहे प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता को पुलिस द्वारा पीटपीट कर मार डालने के मामले में अब सियासत भी गरमाने लगी है। बुधवार को पूर्व सीएम व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीड़ित परिजनों से मिलकर 20 लाख रुपये के आर्थिक मदद की घोषणा की, तो शाम होते-होते सीएम योगी आदित्यनाथ भी कानपुर पहुंच गए और पीड़ित परिजनों को न्याय का आश्वासन दिया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के बाद प्रदेश भर के सपा कार्यकर्ता आक्रोशित हुए और अपने-अपने शहरों से मोर्चा खोल दिया है। वहीं गुरुवार को वाराणसी में भी सपा कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया।
इस दौरान कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह एक जघन्य अपराध है। इससे पुलिस की छवि काफी धूमिल हो रही है। कहा कि गोरखपुर पुलिस लीपापोती में लगी हुई है। इसलिए केस को तत्काल कानपुर रेफर किया जाए। वहीं इन कार्यकर्ताओं ने कहा कि चारों ओर जब यूपी पुलिस के इस कृत्य की आलोचना हो रही है तो सरकार इसे छुपाने में लगी है। मौत के कारण भी बदलकर कुछ और करने का कुत्सित प्रयास कर रही है।
कार्यकर्ताओं ने पुलिस के इस कदम का विरोध करते हुए योगी सरकार की पुलिस व्यवस्था को खूब खरी-खोटी सुनाई और विरोध में जमकर नारे लगे। इस दौरान सपाइयों ने मांग किया कि मनीष के परिजनों को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए। साथ पत्नी को सरकारी नौकरी भी दी जाय। कार्यकर्ताओं ने यह भी मांग की है कि जिस दारोगा ने मनीष की पिटाई की है उस पर हत्या का मुकदमा चलाया जाए। वहीं समाजवादी साहू राठौर चेतना संगठन के दीपचंद गुप्ता ने CBI जांच बिठाने की मांग की। बता दें कि मामले में 6 पुलिस वालों को सस्पेंड करके जांच कराई जा रही है।