ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में कोर्ट के आदेश का मुस्लिम महिलाओं ने किया स्वागत, उतारी भगवान शिव की आरती...

लमही स्थित सुभाष भवन में मुस्लिम महिला फाउंडेशन के कार्यालय में सोमवार को वक्त जश्न का माहौल बन गया जब वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने ज्ञानवापी-मां शृंगार गौरी का मुकदमा सुनवाई के योग्य मानते हुए फैसला सुनाया.

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में कोर्ट के आदेश का मुस्लिम महिलाओं ने किया स्वागत, उतारी भगवान शिव की आरती...

वाराणसी, भदैनी मिरर। लमही स्थित सुभाष भवन में मुस्लिम महिला फाउंडेशन के कार्यालय में सोमवार को वक्त जश्न का माहौल बन गया जब वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने ज्ञानवापी-मां शृंगार गौरी का मुकदमा सुनवाई के योग्य मानते हुए फैसला सुनाया. मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान शिव की आरती उतारी. इसके बाद बैंड-बाजे की धुन पर सभी ने थिरक कर जश्न मनाया.

नाजनीन अंसारी ने कहा कि जब हमारे पूर्वज हिंदू थे तो वो तो आदि विश्वेश्वर की पूजा करते ही थे। आदि विश्वेश्वर पर कोई मुगल आक्रांता औरंगजेब कब्जा कैसे कर सकता है। मुगलों के पाप और कलंक को कोई मुसलमान न ढोए। मंदिर तोड़ा गया, इसके हजारों सबूत हैं। हिंदू पक्ष दुनिया की महान सहिष्णु कौम है, इसलिए अपने सबसे पवित्र स्थान को औरंगजेब के पाप से मुक्ति के लिए अदालत का सहारा ले रहा है। हम सभी अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं।

मुस्लिम भाई स्वेच्छा से खाली कर दें जमीन

मुस्लिम महिला फाउंडेशन की सदस्य नजमा परवीन ने कहा की काफी समय से ज्ञानवापी मामला लंबित पड़ा था आज हिंदू पक्ष में फैसला आया है. जो हम सभी को मानना चाहिए. मेरी मुस्लिम भाईयों से अपील है की जो जमीन जिसकी है उसे वापस कर देनी चाहिए. जब काशी विश्वनाथ परिसर में इतना भव्य मंदिर बन ही चुका है तो अब वहा मस्जिद रहना भी नहीं चाहिए. मस्जिद की जगह भी मुस्लिम भाइयों को अपनी स्वेच्छा से खाली कर देनी चाहिए क्योंकि कुरान में भी लिखा है की किसी और की जमीन पर नमाज नहीं पढ़ना चाहिए और इस मामले में आगे भी अब कोई दलील नहीं आनी चाहिए.