लोलार्ककुंड स्नान स्थगित: इस बार भी नहीं होगा संतान प्राप्ति के लिए लोलार्ककुण्ड स्नान, आयोजनकर्ताओं ने जारी किया आव्हान
वाराणसी, भदैनी मिरर। संतान प्राप्ति के लिए लोलार्क षष्ठी पर इस वर्ष भी हजारों आस्थावान लोलार्क कुंड में स्नान से वंचित रहेंगे। अपनी मनोकामना के संकल्प के साथ कुंड में स्नान के लिए आस्थावानों को अगले वर्ष तक प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। इस वर्ष लोलार्क षष्ठी पर्व 12 सितंबर को है। एसीपी भेलूपुर प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि पिछली बार की तरह इस बार भी कोविड प्रोटोकाल के तहत लोलार्क कुंड में स्नान और मेला प्रतिबंधित रहेगा। इस बारे में महंत परिवार ने आव्हान जारी कर बताया है कि मेला और स्नान स्थगित रहेगा।
उल्लेखनीय है कि लोलार्क षष्ठी पर लोलार्क कुंड और बाबा कीनाराम स्थल स्थित क्रीं-कुंड में स्नान के लिए एक लाख से अधिक लोगों का जमावड़ा होता है।
लोलार्क कुंड का महात्म्य
मान्यता है कि लोलार्क कुंड में व्रत पूर्वक सविधि स्नान-दान, फल का त्याग और लोलार्केश्वर महादेव के दर्शन से भगवान सूर्य की कृपा से गोद अवश्य भरती है। स्कंदपुराण के काशी खंड के 32वें अध्याय में उल्लेखित है कि इस कुंड परिसर में स्थित मंदिर में माता पार्वती ने स्वयं शिवलिंग पूजन किया था। यह भी माना जाता है कि धरा पर ऊर्जा के स्रोत भगवान भास्कर की पहली किरण इस स्थान पर ही पड़ी थी। भगवान सूर्य का चक्र भी इसी कुंड में गिरा था। वहीं दूसरी तरफ चर्म रोग से पीड़ित वयस्क क्रीं-कुंड में स्नान करते हैं। वहीं सुखंडी (सूखा) रोग से पीड़ित बच्चों को भी इस कुंड में स्नान कराया जाता है।