Janmashtami 2024 : कैसे राधा रानी का श्राप बना श्रीकृष्ण के अवतार का कारण

राधा और कृष्ण का प्रेम अनमोल था, लेकिन इस अपार प्रेम के बावजूद वे कभी साथ नहीं हो सके. माना जाता है कि श्रीकृष्ण का पृथ्वीलोक पर जन्म राधा रानी के श्राप का परिणाम था, लेकिन क्या आप जानते हैं, वह श्राप क्या था? आइए, जानते है...

Janmashtami 2024 : कैसे राधा रानी का श्राप बना श्रीकृष्ण के अवतार का कारण

Janmashatami 2024 : भगवान श्रीकृष्ण, जिन्हें विष्णु जी के अवतार के रूप में पूजा जाता है. हर बार जब श्रीकृष्ण का नाम लिया जाता है, तो उससे पहले राधा जी का नाम आता है, इसीलिए श्रीकृष्ण को "राधेकृष्ण" के नाम से भी जाना जाता है. राधा और कृष्ण का प्रेम अनमोल था, लेकिन इस अपार प्रेम के बावजूद वे कभी साथ नहीं हो सके. माना जाता है कि श्रीकृष्ण का पृथ्वीलोक पर जन्म राधा रानी के श्राप का परिणाम था, लेकिन क्या आप जानते हैं, वह श्राप क्या था? आइए, जानते है...

जब गौलोक में श्रीकृष्ण से रूठ गई थी राधा रानी

ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, पृथ्वीलोक पर अवतार लेने से पहले राधा रानी और श्रीकृष्ण गौलोक में निवास करते थे. एक बार किसी बात पर राधा जी श्रीकृष्ण से नाराज हो गईं और गौलोक से कहीं दूर चली गईं. राधा रानी के जाने के बाद, श्रीकृष्ण को अकेला पाकर राधा जी की एक सखी ने इस अवसर का लाभ उठाया और श्रीकृष्ण के पास आ गई. कुछ समय बाद, जब राधा जी वापस लौटीं और अपनी सखी विरजा को श्रीकृष्ण के पास पाया, तो वे अत्यंत क्रोधित हो गईं और उन्होंने दोनों को बहुत कठोर बातें सुनाई.

गुस्से में राधा रानी ने दिया था श्राप

राधा रानी के गुस्से से तमतमाए शब्दों को सुनकर उनकी सखी विरजा नदी के रूप में परिवर्तित हो गई, लेकिन इसके बाद भी राधा रानी का गुस्सा शांत नहीं हुआ और वे श्रीकृष्ण को कटु वचन कहने लगीं. यह सब एक गोप सुदामा ने देखा, जो वहां मौजूद था. उन्होंने राधा रानी को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन राधा ने सुदामा को श्राप दे दिया कि उनका अगला जन्म राक्षस के रूप में होगा. इस पर सुदामा को गुस्सा आ गया और उन्होंने राधा रानी को श्राप दिया कि उनका अगला जन्म धरती पर होगा, जहां वे श्रीकृष्ण के वियोग में तड़पेंगी.

श्रीकृष्ण ने दिया था राधा-रानी को पृथ्वीलोक पर साथ देने का वचन

सुदामा के द्वारा मिले इस श्राप से राधा रानी अत्यंत दुखी हो गईं. तब श्रीकृष्ण ने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा कि जब भी राधा का जन्म पृथ्वीलोक पर होगा, वे भी उनके साथ पृथ्वीलोक पर अवतरित होंगे. श्रीकृष्ण के इस वचन के अनुसार, द्वापर युग में श्रीकृष्ण और राधा रानी का जन्म पृथ्वीलोक पर हुआ था.

इस प्रकार, राधा रानी के श्राप और श्रीकृष्ण के वचन ने उनके पृथ्वी पर अवतार का कारण बना, जो आज भी उनके प्रेम की अमर गाथा के रूप में पूजनीय है.