केशव जालान के गीत गजल संग्रह पुस्तक "महके फूल पलाश के" का हुआ लोकार्पण...

विश्व हिन्दी शोध एवं संवर्धन अकादमी के तत्वावधान में अंध विद्यालय दुर्गाकुंड के सभागार में रविवार को विद्या वाचस्पति केशव जालान भाई की नवीनतम कृति "महके फूल पलाश के" (गीत-ग़ज़ल) संग्रह का लोकार्पण समारोह सम्पन्न हुआ

केशव जालान के गीत गजल संग्रह पुस्तक "महके फूल पलाश के" का हुआ लोकार्पण...

वाराणसी, भदैनी मिरर। विश्व हिन्दी शोध एवं संवर्धन अकादमी के तत्वावधान में अंध विद्यालय दुर्गाकुंड के सभागार में रविवार को विद्या वाचस्पति केशव जालान भाई की नवीनतम कृति "महके फूल पलाश के" (गीत-ग़ज़ल) संग्रह का लोकार्पण समारोह सम्पन्न हुआ. कार्यक्रम का प्रारंभ करुणा सिंह के सरस्वती वंदना से हुआ. कार्यक्रम के अध्यक्ष संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल थे.

स्वागत संबोधन करते हुए संस्था के निदेशक हीरालाल मिश्र मधुकर ने कहा कि "महके फूल पलाश के" शब्दों में ब्रह्म का वास है. कविता समाज, राष्ट्र और संस्कृति को पतन से बचाती है. बीज वक्तव्य में वरिष्ठ साहित्यकार रामसुधार सिंह ने कहा कि केशव जालान भाई की कविताएं सहज एवं भावपूर्ण होने के कारण पाठकों के मन को प्रभावित करती हैं.

मुख्य अतिथि प्रो. वशिष्ठ अनूप के साथ-साथ ओम धीरज, गिरीन्द्र प्रताप सिंह, विश्व भूषण मिश्र, किरन शर्मा, भोलानाथ त्रिपाठी, गिरीश पाण्डेय, उपासना दीक्षित, डॉ प्रियंका सिंह ने अपने सारस्वत वक्तव्य दिये. संस्था द्वारा इस अवसर पर समाज, साहित्य एवं कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान कर रहे 45 विभूतियों को सम्मान- पत्र, स्मृति -चिन्ह अंगवस्त्रम प्रदान कर अलंकृत किया गया. इस अवसर पर केशव जालान भाई के सम्मान में एक कवि सम्मेलन भी हुआ कार्यक्रम की शुरुआत स्केटिंग पर गणेश वंदना से होऊं जिसमें हेमा मालिनी, राधा पाल, सुप्रिया, पुष्पा ने किया. जिसमें देश व शहर के जाने-माने कवि सिद्धनाथ शर्मा, आलोक सिंह, नसीमा निशा, एखलाक़ खान , जयप्रकाश धानापुरी, मुनीन्द्र पाण्डेय, वेद‌ प्रकाश पाण्डेय, विजय शंकर पाण्डेय, गौरीशंकर तिवारी, वंदना शुक्ला, टीका राम शर्मा, इशरत जहां, लियाकत अली, शम्भू नाथ शास्त्री आदि ने काव्य पाठ किया. समारोह का संचालन शरद श्रीवास्तव एवं धन्यवाद ज्ञापन समाजसेवी केशव जालान भाई ने किया.