ATM कार्ड बदलकर धोखाधड़ी करने वाले 3 इंटरस्टेट बदमाश अरेस्ट, महिला को बना रहे थे शिकार तभी पुलिस ने दबोचा...

एटीएम मशीन पर ग्राहकों का धोखे से एटीएम कार्ड बदलकर पैसा ऐंठने वाले अंतर्राजीय तीन बदमाशों को कैंट और एसओजी की टीम ने गिरफ्तार किया है.

ATM कार्ड बदलकर धोखाधड़ी करने वाले 3 इंटरस्टेट बदमाश अरेस्ट, महिला को बना रहे थे शिकार तभी पुलिस ने दबोचा...
घटना का खुलासा करते एडीसीपी क्राइम टी. सवरणन

वाराणसी, भदैनी मिरर। एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी से पैसा ऐंठने वाले इंटरस्टेट तीन बदमाशों को थाना कैंट और एसओजी की टीम ने गिरफ्तार किया है. घटना का खुलासा एडीसीपी वरुणा/क्राइम टी. सवरणन ने पत्रकारवार्ता में किया. गिरफ्तार आरोपी चार पहिया वाहन से घूम-घूमकर घटना को अंजाम देते थे. यह बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर के आसपास एटीएम मशीन को अपना टारगेट बनाते थे. तीनों आरोपी बिहार के रहने वाले है. तीनों शिवपुर क्षेत्र में एक महिला को अपना टारगेट बना रहे थे उसी दौरान टीम ने इन्हे अरेस्ट किया है. एडीसीपी ने एसओजी टीम को ₹15 हजार और कैंट पुलिस को ₹5 हजार का इनाम घोषित किया है.

मदद के बहाने बनाते थे शिकार

एडीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में बाना खिजरसराय जनपद गया (बिहार) निवासी सुजीत कुमार, रोसना, गया फतेहपुर (बिहार) निवासी गुलशन कुमार और मतासो, एकमला फतेहपुर गया (बिहार) निवासी अभिषेक कुमार है. इनके पास से 13 अलग-अलग बैंकों के एटीएम कार्ड, 4 फेवीक्विक, एक फोन-पे बिजनेस एटीएम स्वाईप मशीन, घटना में प्रयुक्त 4 मोबाईल फोन व एक चार पहिया वाहन बरामद हुआ है. 

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका एटीएम धोखाधड़ी का एक गिरोह है जो मिलकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, हरियाणा आदि राज्यों में विभिन्न शहरों मे चार पहिया गाड़ी से बैंकों की एटीएम मशीनों पर साथ मिलकर घटना करते है. हमारी टीम का एक व्यक्ति एटीएम के बाहर खड़ा रहता है तथा दो व्यक्ति एटीएम के अन्दर रहते हैं. समयानुसार अगर कोई ग्राहक एटीएम के बारे में कम जानकारी रहती है तो उसको हम सहयोग का बहाना बनाकर धोखाधड़ी से एटीएम कार्ड बदल लेते हैं. जब हम लोग एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी नहीं कर पाते हैं तो सभी लोग किसी ग्राहक के पैसे निकालने से पहले हम लोगों में से कोई न कोई उसके आगे खड़ा रहता है तथा ग्राहक को बातों में उलझाकर एटीएम मशीन में कार्ड लगाने वाले स्थान पर कार्ड की मदद से फेवी क्विक लगा देता है, जब ग्राहक एटीएम मशीन में अपना कार्ड लगाता है और सारी प्रक्रिया पूरी करता है तो पीछे खड़े आरोपी द्वारा पिन देख लिया जाता है उसके बाद आगे वाले व्यक्ति को परेशान करने की नीयत से कि हमें भी पैसा निकालना है, जल्दी करो जल्दी करो, ऐसी ही बातों मे उलझाकर जल्दी एटीएम कार्ड निकालने की बात बोला जाता है.

जिससे वह ग्राहक एटीएम कार्ड निकालने का प्रयास करता है किन्तु फेवी क्विक लगा होने के कारण एटीएम कार्ड नहीं निकलता है. सभी लोग गार्ड को बुलाने के लिए उस ग्राहक को एटीएम से बाहर भेज देते हैं. तभी मौका देखकर उस एटीएम मशीन में फंसे एटीएम कार्ड को पिलास की मदद से खींचकर बाहर निकाल लेते हैं और फिर उस एटीएम कार्ड को लेकर तुरन्त किसी दूसरी एटीएम मशीन से कार्ड का प्रयोग कर पैसा निकाल लेते हैं.

तीन सालों से लगातार कर रहे है धोखाधड़ी

आरोपियों से पूछने पर बताया कि वह लोग साथ मिलकर पिछले 3 वर्षों से अलग-2 राज्यों में एटीएम कार्डों की धोखाधडी करते हुए ऐशो-आराम की जिन्दगी जीते हुए जीवन यापन कर रहे हैं. हम लोग चार पहिया कार से बनारस आये थे कि यहाँ भी लोगों से धोखाधड़ी कर एटीएम बदलकर रुपयों की चोरी कर लें उससे पहले पकड़े गए. बताया कि धोखाधड़ी से मिलने वाले पैसों को हम लोग आपस में बराबर बांटते है. उसी पैसे से हम लोग मौज-मस्ती की जिन्दगी जीने तथा खाने-पीने मे खर्च करते है.

आरोपियों का कुबूलनामा

एडीसीपी ने बताया कि पूछताछ में तीनों में बताया कि वह वाराणसी में घटना करने के लिए हाईवे के आसपास कही होटल लेकर ठहरते है. घटना के बाद फिर शहर छोड़ देते है. गिरफ्तार आरोपियों ने कुबूल किया कि बनारस में बीते जनवरी में कचहरी के पास एसबीआई बैंक के बाहर लगे एटीएम से भी इसी तरह एटीएम पर फेवी क्विक लगाकर एटीएम चुराकर रुपयों की चोरी किये हैं. तीन दिन पहले भी भोजूबीर चौराहे के पास से एक्सिस बैंक के एटीएम से एक लड़की से धोखे से एटीएम मशीन के अन्दर फैवी क्विक से एटीएम चिपका कर ठगी किए थे.

गिरफ्तार करने वाली टीम 

आरोपियों की गिरफ्तारी में एसओजी प्रभारी दरोगा मनीष कुमार मिश्रा, दरोगा गौरव कुमार सिंह, कांस्टेबल अंकित मिश्रा, आलोक मौर्या, प्रेमशंकर पटेल, मनीष कुमार बघेल और हेड कांस्टेबल चालक उमेश सिंह शामिल रहे.

थाना कैण्ट से प्रभारी निरीक्षक अजय राज वर्मा, दरोगा आशीष श्रीवास्तव, आयुष पाण्डेय और हेड कांस्टेबल बृज बिहारी ओझा शामिल रहे.