काशी सिंह और मीठे को मिली जमानत, सूदखोरी, रंगदारी व हत्या की धमकी देने का था मामला...

सूदखोरी व रंगदारी मांगने न देनें पर हत्या की धमकी देने के मामले में आरोपितों को राहत मिल गई है. सत्र न्यायाधीश डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने नदेसर थाना कैंट निवासी काशी सिंह व कनियर बड़ागांव निवासी प्रेमशंकर सिंह उर्फ मीठे को 50-50 हजार रूपये की दो जमानते एवं व्यक्तिगत बंधपत्र देनें पर रिहा करने का आदेश दिया.

काशी सिंह और मीठे को मिली जमानत, सूदखोरी, रंगदारी व हत्या की धमकी देने का था मामला...

वाराणसी, भदैनी मिरर। सूदखोरी व रंगदारी मांगने न देनें पर हत्या की धमकी देने के मामले में आरोपितों को राहत मिल गई है. सत्र न्यायाधीश डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने नदेसर थाना कैंट निवासी काशी सिंह व कनियर बड़ागांव निवासी प्रेमशंकर सिंह उर्फ मीठे को 50-50 हजार रूपये की दो जमानते एवं व्यक्तिगत बंधपत्र देनें पर रिहा करने का आदेश दिया. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता देवेन्द्र सिंह व अनुज यादव ने पक्ष रखा.

जगतगंज, धूपचंडी थाना चेतगंज निवासी वादी राहुल सिंह व रविंद्र जायसवाल के अनुसार उसकी हथुआ मार्केट में कपड़े की दुकान है. राहुल सिंह के पिता रवींद्र नाथ सिंह ने 1982-83 में हथुआ मार्केट के मालिकान से नौ और दस नंबर की दुकान लेकर अनुपम टेक्सटोरियम फर्म के नाम से साड़ी का कारोबार शुरू किया. पिता ने साल 2006 में नदेसर निवासी काशी सिंह से 25 लाख रुपये दो प्रतिशत ब्याज पर लिए. इस बीच काशी सिंह ने सौ रुपये का एक गैर न्यायिक स्टांप पर तैयार किया और दुकान पांच वर्षों के लिए काशी सिंह की पत्नी के नाम से सरेंडर किया गया. तय हुआ कि पांच साल में कर्ज की रकम चुकता करने के बाद फिर से नौ नंबर की दुकान वापस ली जाएगी. राहुल सिंह का आरोप है कि कर्ज लेने के कुछ माह बाद ही काशी सिंह, रमेश राय उर्फ मटरू, अजय सिंह उर्फ लंबू और प्रेमशंकर सिंह उर्फ मीठे के आतंक व दबाव के बाद घर का गहना, अपना बिरदोपुर स्थित फ्लैट नंद नगर कालोनी स्थित मकान बेचकर मूलधन व ब्याज वापस कर दिया, लेकिन काशी सिंह और उनके गुर्गे बार-बार हिसाब करके चक्रवृद्धि ब्याज और रंगदारी आदि के रूप में डरा-धमका कर रुपये लेते रहे. आरोप है कि फ्लैट की रजिस्ट्री काशी सिंह ने अपनी पत्नी कुसुम सिंह के नाम से करा दी. 2016 में दुकान संख्या 10 पर भी कब्जा कर लिया. 2007 में एक सादे नोटोरियल पेपर व कुछ अन्य पेपर पर हस्ताक्षर कराया. धमकी दी कि अभी मूलधन 25 लाख रुपया और दोगे तब जान बचेगी, नहीं तो पूरे परिवार की हत्या करवा देंगे. 

दुकानदार राहुल सिंह का आरोप है कि 11 जून की शाम चार बजे काशी सिंह हथुआ मार्केट स्थित दुकान पर आया और धमकी दी कि 50 लाख रुपये देकर अनी दुकान वापस ले लो. अन्यथा अंजाम भुगतने को तैयार रहना. पिता के साथ हथुआ मार्केट के पप्पू आदि भी उस समय मौजूद थे. रमेश राय उर्फ मटरू, काशी सिंह और उसका साला अजय सिंह लंबू और परिचित प्रेमशंकर सिंह उर्फ मीठे का एक आपराधिक गिरोह हथुआ मार्केट में कई दुकानों को अपने आतंक से कब्जा किया है.