भोजन के बाद शौच का जाना सामान्य प्रक्रिया है या किसी बड़ी बीमारी का लक्षण? बता रहे है BHU के डाक्टर देवेश यादव...
भोजन के बाद शौच का जाना नॉर्मल प्रक्रिया है अथवा किसी बड़ी बीमारी का लक्षण, इस बारे में बता रहे है काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) चिकित्सा विज्ञान संस्थान (IMS) के एसोसिएट प्रोफेसर देवेश यादव.
वाराणसी, भदैनी मिरर। क्या आपको भी भोजन करने के बाद शौच जाना पड़ता है? क्या आपको भी भोजन करने के कुछ देर बाद ही शौच महसूस होने लगती है? इससे आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. आपके भी मन में यह ख्याल आता होगा कही यह बीमारी तो नहीं? हर व्यक्ति के साथ जब ऐसा नहीं होता है तो फिर मेरे साथ क्यों? आप इस बात पर तनाव लेने की कोई जरूरत नहीं.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) आईएमएस के गैस्ट्रोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर देवेश यादव इस समस्या के बारे में कहते है की अक्सर ओपीडी में ऐसे मरीज आते है. जिसको लेकर वह मानसिक तनाव में भी रहते है. देवेश यादव आपको बता रहे है की यह सामान्य है या कोई बीमारी? वह कहते है की ज्यादातर यह सामान्य है, मगर कई बार यह बीमारी का लक्षण भी होता है.
डाक्टर देवेश कहते है की कई बार ऐसे मरीज आते हैं हमारे पास खाना खाने के बाद शौच जाते हैं तो हमे ये जानना है की ये नॉर्मल रिफ्लेक्ट है या एब्नॉर्मेल? यह नॉर्मल ही हैं लेकिन कई बार ऐसा होता है की जो खाना हमारे पेट में पहुंचता है तो जो उसका रेक्टम होता है जो कोलोन का पार्ट होता है कॉन्टेक्ट करता है. वहां शौच होता है, लेकिन कई बार यह बीमारी भी हो सकती है.
आईबीएस का भी हो सकता है लक्षण
डाक्टर देवेश यादव कहते है की खाने के बाद शौच का जाना हमारे देश में सबसे ज्यादा IBS यानी इरिटेबल बाउल सिंड्रोम का लक्षण होता है. यह उन्हे ही होता है जो मानसिक तनाव में होते हैं. जिनका दिमाग उलझन में हो, ओवर थिंकिंग करते हैं ऐसे लोगों का आंत तेज चलता है. उसकी वजह से उन्हें खाना खाने के बाद शौच जाना पड़ सकता है. इस बीमारी को हम IBS कहते हैं. अगर देखा जाए तो 80-90 परसेंट मरीजों को यही बीमारी होती है.
कोलन कैंसर भी हो सकता है
देवेश कहते है की यदि आपकी उम्र 50 या इसके आसपास है और भोजन के बाद शौच के आलावा यदि यह लक्षण आए तो हमें सतर्क हो जाना चाहिए. जैसे की मल में खून का आना, वजन का तेजी से गिरना, खून की कमी होना. यह लक्षण ठीक नहीं होते. कोलन कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो बड़ी आंत (को-लोन) में शुरू होता है. यह बृहदान्त्र पाचन तंत्र (digestive tract) का अंतिम हिस्सा है. कोलन कैंसर आमतौर पर वरिष्ठ लोगों को प्रभावित करता है, हालांकि यह किसी भी उम्र में हो सकता है. हालांकि ऐसे केसेज में कोरोनोस्कोपी जांच करवा लेनी चाहिए. ज्यादातर केसेज में यह नॉर्मल फेनोमिना लेकिन ये बीमारी भी हो सकती है इसलिए मरीज को कोरोनोस्कोपी जांच करा लेनी चाहिए.