सूतक में PM से पूजन कराने के मामले में जांच शुरु, पूर्व न्यासी ने पत्र लिखकर किया था खुलासा...

Investigation started in the matter of worshiping PM in Sutak. The former trustee had disclosed by writing a letter. पूर्व न्यासी प्रदीप बजाज का आरोप है कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्रा ने सूतक काल में प्रधानमंत्री से गर्भगृह में पूजन करवा दिया।

सूतक में PM से पूजन कराने के मामले में जांच शुरु, पूर्व न्यासी ने पत्र लिखकर किया था खुलासा...
प्रधानमंत्री से विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण का गर्भगृह में पूजन करवाते मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्रा।

वाराणसी,भदैनी मिरर। श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के विस्तारीकरण के लोकार्पण का पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्रा के सूतक में रहते हुए कराए जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। पूर्व न्यासी प्रदीप बजाज ने प्रधानमंत्री और उनके प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री और यूपी के धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश कुमार अवस्थी को मेल भेज कर आरोप लगाया था कि मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्र ने सूतक में रहते प्रधानमंत्री से धार्मिक कर्मकांड व पूजन कराया है जो सनातन परंपरा के विरुद्ध है। शिकायत होने के बाद प्रकरण की जांच अपर कार्यपालक को सौंपा गया है। 

सूतक में बाबा के गर्भगृह में प्रवेश तक वर्जित

पूर्व न्यासी प्रदीप बजाज ने बताया कि सूतक में रहते हुए बाबा विश्वनाथ के गर्भ गृह में प्रवेश तक वर्जित है। कोई भी सनातनी हिंदू सूतक काल में पूजन-अर्चन नहीं करता। शास्त्री विधानों को नजरंदाज कर श्रीकांत मिश्रा ने प्रधानमंत्री से पूजन कराया। यहां तक कि बाबा के गर्भगृह में भी गए और वहां भी बाबा विश्वनाथ का पूजन कराया जो शास्त्र सम्मत कतई नहीं है। ये सनातन हिंदू धर्म के सर्वथा विपरीत है। बजाज ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करा कर यथोचित कार्रवाई करें।

सड़क हादसे में हुआ था भतीजें का निधन

पूर्व न्यासी बजाज ने प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे शिकायती पत्र में कहा है कि मंदिर के अर्चक श्रीकांत मिश्र के भतीजे का पांच दिसंबर को सड़क हादसे में निधन हो गया था, जिसका त्रयोदशाह संस्कार 18 दिसंबर को हुआ। ब्राम्हण भोज के निमंत्रण पत्र में शोकाकुल परिजनों में श्रीकांत मिश्र और परिवार के सभी सदस्यों का नाम अंकित था। ऐसे में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वह सूतक में थे। कर्मकांडियों के अनुसार सूतक में रहने के दौरान व्यक्ति किसी भी तरह के न तो धार्मिक अनुष्ठान करा सकता है और ना ही मंदिर में प्रवेश कर सकता है। अर्चक श्रीकांत मिश्र की ओर से श्रद्धांजलि सभा के लिए भी लोगों को आमंत्रण पत्र भेजे गए थे। पीएमओ को पत्र भेजने वाले प्रदीप बजाज का आरोप है कि प्रधानमंत्री की पूजा कराने के लोभ में श्रीकांत मिश्र अपने सगे भतीजे को अपना मानने से इंकार कर रहे हैं।