मंदिर से गृह और जलकर वसूली: नगर आयुक्त से सपा नेताओं की मांग कर मुक्त हो मंदिर, बताई महत्ता आंदोलन की चेतावनी..
वाराणसी,भदैनी मिरर। द्वादशज्योतिर्लिंग के प्रतीक केदारघाट स्थित केदारेश्वर मंदिर को गृह बताकर गृहकर और जलकर की मांग करना न केवल आस्था पर कुठाराघात है बल्कि प्राण-प्रतिष्ठित देवी-देवताओं को कर्जदार या देनदार बताना काशी के लिए अपमानजनक है। केदारनाथ मंदिर का अस्तित्व वाराणसी नगर निगम तो क्या बनारस नगरपालिका के सैकड़ों वर्ष पहले से है। जिससे लाखों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हो उस मन्दिर से भवनकर उस पर 12 फीसदी व्याज और जलकर रद्द करने की मांग को लेकर सपा नेताओं ने नगर आयुक्त प्रणय सिंह से मुलाकात की।
मंदिर को गृह बताना आपत्तिजनक
सपा की वरिष्ठ नेत्री शालिनी यादव ने कहा कि काशी प्राचीन नगरी है, यह आस्था का केंद्र है, ऐसे में किसी भी मंदिर को गृह (भवन) बताकर कर वसूलना घोर आपत्तिजनक है। नगरनिगम के कम्प्यूटर में मंदिर को घर (आवास) लिख देना तो काशी के शर्मनाक है। इस प्राचीन मंदिर में देश विदेश के कोने कोने से खासकर दक्षिण भारत से हजारों दर्शनार्थी जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल रहती हैं दर्शन, पूजन, यज्ञ, हवन आदि करने आते हैं। इस पौराणिक मन्दिर का संचालन कुमार मुत्तुस्वामी मठ द्वारा किया जाता है।
गृहकर और जलकर वसूलना अवैधानिक
पूर्व अध्यक्ष महानगर राजकुमार जायसवाल ने कहा कि अंग्रेजी राज में 105 वर्ष पहले बने उत्तर प्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1916 की धारा 129 ए के उपधारा (ख) के अनुसार तो काशी के पौराणिक मंदिरों पर कदापि हाउस टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त इस मंदिर पर जलकर लगाना भी अवैधानिक है, इसी अधिनियम की धारा 175 (ख) से आच्छादित होने की वजह से इसे जलकर से भी उन्मुक्त घोषित किया जाना उचित होगा। चेताया कि मन्दिर को करमुक्त नहीं किया गया तो पार्टी इसको लेकर आंदोलन करेगी। यह सरकार मंदिरो के नाम पर सत्ता में आई है और मंदिरों पर ही कर लगा रही है।
यह रहें मौजूद
कमल पटेल (नेता सपा पार्षद दल), मनोज यादव (कार्यकारिणी सदस्य, नगरनिगम), पूनम विश्वकर्मा पार्षद, शंकर विशनानी (पूर्व पार्षद), रामशरण बिन्द (पूर्व पार्षद), गोपाल जी यादव (पार्षद), मिथलेश साहनी (पार्षद), अवनीश यादव विक्की (पार्षद), शहनाज हारून राइन ( पार्षद), हाजी कमालु, किशन दीक्षित (सयुस जिलाध्यक्ष), शफीकुज्जमा अंसारी (पार्षद), दूधनाथ राजभर ( पार्षद), नासिर जमाल (पूर्व पार्षद), रामबाबू यादव (महानगर उपाध्यक्ष), प्रतिमा शुक्ला, कीर्ति यादव, जियालाल राजभर, उमेश राजभर, सुरेश यादव, अजय बिन्द, सत्यनारायण यादव, मानसिंह राजभर, आशीष शर्मा, अमर पटेल मौजूद रहे।