NEET पेपर गड़बड़ी से जुड़ी याचिकाओं पर हुई सुनवाई, CBI जांच की मांग पर SC ने NTA को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
नीट परीक्षा के कथित लीक और गड़बड़ी से जुड़ी याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर नीट एग्जाम करवाने वाली एजेंसी 'नेशनल टेस्टिंग एजेंसी' (एनटीए) को नोटिस जारी कर उससे जवाब तलब किया है. साथ ही एनटीए की ओर से दायर याचिकाओं पर जिन छात्रों की याचिका अलग-अलग हाईकोर्ट में पेंडिग है, उनको नोटिस जारी कर भी जवाब मांगा गया है.
NEET Supreme Court Hearing: नीट परीक्षा के कथित लीक और गड़बड़ी से जुड़ी याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर नीट एग्जाम करवाने वाली एजेंसी 'नेशनल टेस्टिंग एजेंसी' (एनटीए) को नोटिस जारी कर उससे जवाब तलब किया है. साथ ही एनटीए की ओर से दायर याचिकाओं पर जिन छात्रों की याचिका अलग-अलग हाईकोर्ट में पेंडिग है, उनको नोटिस जारी कर भी जवाब मांगा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जवाब दाखिल किए जाने के बाद अब इस मामले पर अगली सुनवाई 8 जुलाई को की जाएगी.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि ये मामला 24 लाख छात्रों के भविष्य से जुड़ा हुआ है. ऐसे में अदालत को इस पर जल्द सुनवाई करनी चाहिए. इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि हम इसकी गंभीरता को समझते हैं. वकील ने छात्रों के सुसाइड का भी जिक्र किया. ये सुनकर अदालत ने कहा कि ऐसी भावनात्मक दलील मत रखिए, कानून की प्रक्रिया का पालन करते हुए एनटीए का जवाब देखना जरूरी है. बता दें कि नीट पर अब तक दायर हुई तमाम याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट अब 8 जुलाई को सुनवाई करेगा. इस केस के लिहाज से 8 जुलाई सबसे महत्वपूर्ण तारीख हो गई है.
सरकार ने नीट पेपर लीक की बात को नकारा
वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अभी तक नीट एग्जाम में किसी तरह की कोई गड़बड़ी, भ्रष्टाचार या पेपर लीक होने का ठोस सबूत नहीं मिला है. इससे जुड़े सभी फैक्ट्स सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हैं और अभी विचाराधीन हैं. भ्रम फैलाने के प्रयास से इस मुद्दे पर राजनीति की जा रही है. इसकी वजह से छात्रों की मानसिक शांति प्रभावित होती है. शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि नीट काउंसलिंग शुरू होने वाली है. इस बीच पेपर लीक को राजनीतिक मुद्दा बनाना अनुचित है. ऐसा करना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के बराबर है. सरकार का ध्यान हमेशा से ही छात्रों के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करने पर रहा है.