घोसी सांसद अतुल राय आत्मसमर्पण कर गए जेल : कोर्ट ने वाराणसी सेंट्रल जेल में रखने का दिया आदेश, खुद को तीन लोगों का बताया गुनहगार...

कैंट थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में सोमवार को घोसी सांसद अतुल राय अपने अधिवक्ता अनुज यादव, दिलीप श्रीवास्तव व नरेश यादव के जरिए प्रभारी विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अजय कुमार द्वितीय की अदालत में पेश हुए.

घोसी सांसद अतुल राय आत्मसमर्पण कर गए जेल : कोर्ट ने वाराणसी सेंट्रल जेल में रखने का दिया आदेश, खुद को तीन लोगों का बताया गुनहगार...

वाराणसी,भदैनी मिरर। कैंट थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में सोमवार को घोसी सांसद अतुल राय अपने अधिवक्ता अनुज यादव, दिलीप श्रीवास्तव व नरेश यादव के जरिए प्रभारी विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अजय कुमार द्वितीय की अदालत में पेश हुए. अदालत में सांसद के जमानतदार हाथी बाजार जंसा निवासी ताड़केश्वर की ओर से इस आशय का प्रार्थनापत्र दिया गया कि वह अपने निजी कार्य से कुछ वर्षों के लिए बाहर जा रहा है, ऐसे में आरोपित अतुल राय की जमानत से मुक्त होना चाहते है.

अदालत ने जमानतदार के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए उसे मंजूर कर लिया और घोसी सांसद को न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया. वहीं घोसी सांसद अतुल राय द्वारा इस आशय का प्रार्थनापत्र अपने अधिवक्तागण अनुज यादव, दिलीप श्रीवास्तव व नरेश यादव के जरिए प्रस्तुत किया गया कि वह स्वास्थ कारणों व जीवन के खतरे को देखते हुए उसे वाराणसी जनपद में स्थित केंद्रीय कारागार में निरुद्ध किये जाने का अनुरोध किया. अदालत ने इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए इस संबंध में जिला कारागार अधीक्षक को तत्काल आख्या प्रेषित करने का निर्देश दिया. जिसके बाद जिला कारागार से प्राप्त हुई आख्या का अवलोकन करने के उपरांत अदालत ने घोसी सांसद को स्वास्थ कारणों व जीवन पर उत्पन्न खतरों को देखते हुए उसे केंद्रीय कारागार वाराणसी में रखने का आदेश दिया.



बतादें कि घोसी सांसद को हजरतगंज में दर्ज 306/120 बी आईपीसी में दर्ज मुकदमे में जमानत में मिली अंतरिम बेल को उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने निरस्त कर दस दिनों में कोर्ट में समर्पण करने का निर्देश दिया था. जिसकी अवधि सोमवार को समाप्त हो रही थी. इसी आदेश के अनुपालन में घोसी सांसद ने कोर्ट के समक्ष समर्पण कर दिया.

आत्मसमर्पण के पहले बताई व्यथा

घोसी सांसद अतुल राय बीते शनिवार को फेसबुक पर लाइव आए. वह 1 घंटा 3 मिनट की अवधि तक अपनी बातों को रखा. खुद को बेगुनाह बताते हुए महिला द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को राजनितिक षड्यंत्र करार दिया. इस मामले में महिला और उसके सहयोगी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह किये जाने के मामले को भी साजिश बताया. इस दौरान उन्होंने दो ऑडियो क्लिप सुनाने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के एक पन्ने को भी पढ़ा. अतुल राय ने बताया कि सांसद निधि से क्षेत्र की जनता का विकास करने में कोई कसर नहीं है. कहा कि बात दिगर है कि यदि हम जनता ने बीच में रह पाते तो तस्वीर कुछ और होती, दावा किया कि विकास इस कदर होता कि दूसरा कोई नामांकन के लिए भी सोचता.

उन्होंने सांसद निधि से कराये गए कार्यों को भी बताया और लाइव के दौरान दिखाया कि जेल में रहते हुए वह महामारी कोविड के दौरान जनता की उन्होंने फ़िक्र की. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं मालूम आखिर अब कब आप लोगों से संवाद स्थापित करने का मौका मिलेगा, जनता से वादा किया कि अब जब भी आऊंगा शून्य से आपके साथ अपने कार्यों को शुरु करूँगा.

इस दौरान उन्होने तीन लोगों का खुद को गुनहगार भी बताया है - पहला घोसी की जनता का गुनहगार बताया, कहा कि मेरा दुर्भाग्य रहा कि मैं षड्यंत्र का शिकार होने के कारण जनता के बीच एक दिन भी नहीं आ पाया. दूसरा उन्होंने अपने दोनों जुड़ुआ बच्चों की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि मैं इन बच्चों का गुनहगार हूँ जो उन्हें पिता का प्यार नहीं दे पाया और उन्हें ऊँगली पकड़कर न तो चला पाया और न ही उन्हें पहले पहले दिन स्कूल तक ले जा पाया. तीसरा उन्होंने खुद को अपने पिता का गुनहगार बताया, कहा कि वह इस दौरान कैंसर से पीड़ित है, जब बड़ा पुत्र होने के नाते मुझे उनके साथ होना चाहिए था तब मैं नहीं हूँ।