#FactCheck : क्या सच में फर्जी पत्रकारों के खिलाफ होगा एक्शन एफआईआर और जेल, जाने क्या बोले राज्यवर्धन सिंह राठौर...

#FactCheck : क्या सच में फर्जी पत्रकारों के खिलाफ होगा एक्शन एफआईआर और जेल, जाने क्या बोले राज्यवर्धन सिंह राठौर...
वाराणसी/भदैनी मिरर। पिछले कुछ दिनों से व्हाट्सएप पर एक खबर प्रसारित कर यह दावा किया जा रहा है जी भारत के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने जाली पत्रकारों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। प्रेस ब्रीफिंग में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सूचना प्रसारण राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा है कि देश भर में घूम रहे फर्जी पत्रकारों के खिलाफ एक्शन लेते हुए उन पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी। चूंकि यह सूचना पत्रकारों से जुड़ा हुआ था इसलिए व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के पत्रकारों ने बिना तथ्यों के जांचें एक दूसरे को भेजते चले गए। यह सूचना इतनी तेजी से प्रसारित हुई की पूरे देश में लगभग सभी के पास से खबर पहुंच गई। वायरल संदेश में दावा यह भी किया गया की देश भर में चले रहे पोर्टल, यूट्यूब और केबल को पत्रकार बनाने का अधिकार नहीं है, आरएनआई रजिस्टर्ड अखबार के संपादक ही प्रेस कार्ड जारी कर सकते है।
सूचना के बाद देश भर में चल रहे पोर्टल्स और केबल चैनल ने अपने-अपने स्तर से पता करना शुरु किया। भदैनी मिरर ने फर्जी सूचनाओं पर अंकुश लगाने के लिए गठित पीबीआई के अधिकारियों से फैक्ट चेक के लिए कहा। फर्जी सूचना इतनी तेजी से फैली की कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ तक भी यह खबर पहुंच गई। सूचनाएं तेजी से वायरल हो रही थी तो 'भदैनी मिरर' ने इसकी प्रामाणिकता जानने की कोशिश की। हमारी टीम ने तत्काल पीआईबी वाराणसी संपर्क किया और वायरल मैसेज के सही तथ्य पूछे।
पत्र सूचना कार्यालय ने किया खंडन
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने इस व्हाट्सअप सूचना को सिरे से खारिज कर दिया। पत्र सूचना कार्यालय ने कहा कि कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान सूचना प्रसारण मंत्री थे न की इस बार है। इसके साथ ही यह साफ कहा गया कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री द्वारा ऐसा कोई भी आदेश नहीं दिया गया है।
राठौड़ ने दावे को बताया गलत
भदैनी मिरर टीम ने सत्यता को जानने के लिए राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के ट्वीटर प्रोफाइल को खंगाला। पाया कि मराठी एक अखबार ने वायरल खबर को बिना प्रमाणिकता के जस के तस छाप दिया है। अखबार की कटिंग के साथ राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने दावे को झूठा बताते हुए सूचना प्रसारण मंत्रालय और पीबीआई को जरुरी कार्यवाई के लिए कहा है।