वैज्ञानिक सर्वे करने ज्ञानवापी पहुंची ASI की टीम, सुरक्षा के कड़े इंतजाम, क्या 353 साल का सच आएगा सामने?
ज्ञानवापी परिसर में सिल वजूखाने को छोड़कर अन्य हिस्सों का वैज्ञानिक सर्वे करने एएसआई टीम पहुंच चुकी है. हिंदू पक्ष का कहना है की इससे 353 साल का सच सामने आ जाएगा.
वाराणसी, भदैनी मिरर। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत के आदेश के बाद वाजुखाने के स्थल को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञाानिक सर्वे शुरु होगा. इसके लिए वैज्ञाानिक सर्वे करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 30 सदस्यीय टीम दिल्ली, पटना और आगरा से ज्ञानवापी पहुंच चुकी है. वैज्ञानिक सर्वे को लेकर जिले में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है.
रविवार देर रात भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के डिप्टी डायरेक्टर प्रोफेसर आलोक त्रिपाठी के कहने पर पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन के कैंप कार्यालय पर जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की मौजूदगी में हिंदू पक्ष और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के साथ अलग- अलग बैठक भी हुई. जिसके बाद हिंदू पक्ष की वादिनी महिलाओं ने वैज्ञानिक सर्वे को लेकर खुशी का इजहार किया तो वहीं अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के जिला जज के आदेश के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का हवाला देकर सर्वे की तिथि आगे बढ़ाने की मांग रखी. फिलहाल डीएम ने कोर्ट के आदेश का हवाला देकर दोनों पक्षों से सहयोग की अपील की है.
वहीं, हिदू पक्ष का कहना है की इस सर्वे से 353 साल का सच सामने आ जाएंगा. सोहनलाल आर्य का कहना है की ज्ञानवापी विध्वंस के बाद जो तीन गुंबद रह गए थे, पश्चिम छोर पर जो कृत्रिम दीवारें बना दी गई, तहखाने से जो छेड़छाड़ हुई है, उन सबका आयु निर्धारण जरूरी है. इस जांच के बाद हम सब साफ हो जाएगा.
चार अगस्त तक देनी है रिपोर्ट
वैज्ञानिक सर्वे करवाने का आदेश चारों हिंदू वादीनी महिलाओं लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक के अनुरोध पत्र पर बहस के बाद कोर्ट ने 21 जुलाई को ही दिया था. कोर्ट ने सर्वे की रिपोर्ट बनाकर चार अगस्त तक देने का भी हुक्म सुनाया है. कोर्ट ने कहा है की जांच करके बताएं की क्या मंदिर तोड़कर उसके ऊपर मस्जिद बनाई गई है?