डबल मर्डर! गुत्थी उलझी, पुलिस के हाथ 12 दिन बाद भी खाली, चौकी इंचार्ज के बाद इंस्पेक्टर पर गिरी गाज...
नरिया स्थित एक मकान से मिली मां-बेटी के शव मामले में गुत्थी उलझती जा रही है. पुलिस के हाथ 12 दिन बाद भी खाली है. पहले चौकी इंचार्ज सस्पेंड हुए और फिर अब प्रभारी निरीक्षक लंका वेद प्रकाश राय को रविवार देर शाम पुलिस कमिश्नर ने लाइन हाजिर कर दिया.
वाराणसी, भदैनी मिरर। लंका के नरिया क्षेत्र में हुए मां-बेटी की हुई सनसनीखेज हत्याकांड के बाद शव मिलने के 12 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली है. मृतका के बेटे से मिली तहरीर के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. जबकि इस हत्या कांड को देखते हुए मौके पर वाराणसी के डीसीपी , एडिशनल सीपी और खुद पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश मौके पर अलग अलग दिनों में पहुंचे लेकिन अब तक इस हत्याकांड का खुलासा नही हो पाया है. हत्याकांड को कमिश्नरेट पुलिस ने चुनौती के रुप में लिया है और विवेचना में तेजी न आने और घटना का खुलासा न होने से लंका थाना प्रभारी वेद प्रकाश राय पर भी गाज गिर गई है. सीपी ने वेद प्रकाश राय को किया लाइन हाजिर करते हुए प्रभारी न्यायालय सुरक्षा बृजेश कुमार सिंह को लंका थाना प्रभारी बनाया है.
स्थानीय दबंगों का बताया है कारनामा!
वही दूसरी ओर मृतका के बड़े बेटे और पेशे से वकील ने इसे स्थानीय दबंगो का कारनामा बताते हुए पुलिसिया कार्यवाही पर सवाल खड़े किए हैं और खुद को भी फसाये जाने का अंदेशा जताया है, हालांकि एक सवाल पुलिस की ओर से भी उठाया जा रहा है कि है कि जिस की माँ और बहन की हत्या हो जाती है आखिर उसका बड़ा बेटा अब तक एक बार भी वाराणसी क्यों नही आया है.
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पुलिस कमिश्नर तक कर चुके है निरीक्षण
बता दें, 13 जुलाई को लंका थाने के नारिया प्राथमिक विद्यालय के समीप स्थानीय लोगो ने एक मकान से बदबू आने की शिकायत पुलिस को सूचना दी. बदबू की सूचना पर स्थानीय पार्षद के साथ पुलिस उस मकान पर पहुंची. जैसे ही मकान का दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर में नग्न अवस्था में सुनीता पांडेय (56) और उसकी बेटी दीपिका (28) का शव पड़ा हुआ था. एडिशनल सीपी मुख्यालय और अपराध संतोष सिंह तत्काल मौके पर पहुंचे. मौके पर जांच करने के बाद उन्होंने बताया था कि 3 जुलाई से घर मे आने वाले अखबार को नही उठाया गया है इस से एक बात पुष्ट है इस घटना को 3 तारीख को ही अंजाम दिया गया है.
पुलिस कमिश्नर दो दिनों बाद खुद मौके पर पहुंचे. मौके से क्राइम ब्रांच के टीम के साथ कमिश्नर ए सतीश गणेश ने कई साक्ष्य जुटाए. मौके पर मिली जानकारी के बाद 20 जुलाई को इस मामले को लेकर कमिश्नर ने स्थानीय चौकी इंचार्ज अमित शुक्ला को सस्पेंड कर दिया. इस बीच कमिश्नर ने शक के आधार पर हिरासत में लिए गए कुछ लोगो से पूछताछ भी की थी. बाद में उन सब लोगो को छोड़ दिया गया. इस बीच डीसीपी काशी जोन भी 21 जुलाई को घटना स्थल पर पहुंचे. लेकिन उनके हाथ भी अब तक हत्या करने वालो तक नही पहुंचे हैं.