डबल मर्डर: आठ दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली, चौकी इंचार्ज पर गिर चुकी है गाज DCP ने किया निरीक्षण...
लंका के नरिया स्थित प्राथमिक विद्यालय के समीप हुए मां सुनीता पांडेय (56) और दीपिका पांडेय (28) की हत्या की गुत्थी आठ दिन बाद भी पुलिस सुलझा नहीं पाई. 13 जुलाई को मकान से बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी थी.
वाराणसी,भदैनी मिरर। लंका के नरिया स्थित प्राथमिक विद्यालय के समीप हुए मां सुनीता पांडेय (56) और दीपिका पांडेय (28) की हत्या की गुत्थी आठ दिन बाद भी पुलिस सुलझा नहीं पाई. 13 जुलाई को मकान से बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी थी. जिसके बाद पुलिस ने मकान में कूदकर देखा तो क्षत-विक्षत स्थिति में मां-बेटी का शव जमीन पर पड़ा था और शव पुराना होने के कारण बदबू भी आने लगा था. घटना की जानकारी पाते ही मौके पर एडिशनल सीपी मुख्यालय और अपराध संतोष सिंह भी पहुंचे थे.
गुरुवार को एक बार फिर डीसीपी काशी जोन आर.एस. गौतम मौके पर पहुंचे और खुद जांच की. उनके साथ एसीपी भेलूपुर के अलावा लंका पुलिस और क्राइम ब्रांच प्रभारी अश्वनी पांडेय के साथ उनकी टीम मौजूद रही.
सीपी ने बरामद किया था खून से सनी हथौड़ी
घटना की जानकारी होने के दो दिन बाद 15 जुलाई को पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने मौके का निरीक्षण किया. उनके साथ फॉरेंसिक टीम, क्राइम ब्रांच, सर्विलांस और लंका पुलिस मौजूद रही. करीब एक घंटे के निरीक्षण के दौरान सीपी ने कमरे की गहनता से जांच की. सीपी घर के अगल बगल गलियों में पैदल घूमकर और बगल वाले छत पर चढ़कर घटना की बारीकी से जांच की थी. सीपी को टीम के साथ छानबीन के दौरान घटनास्थल वाले कमरे से कुछ साक्ष्य मिले, जिसे पुलिस बॉक्स में भरकर अपने साथ ले गई. पुलिस सूत्रों ने बताया था की पुलिस को लोहे की हथौड़ी में खून और बाल लगा मिला था.
मूल खबर: डबल मर्डर: CP ने घटनास्थल का निरीक्षण कर जुटाए सुराग, छोटे बेटे ने पुलिस की मौजूदगी में किया अंतिम संस्कार...
लापरवाही पर नप चुके है चौकी प्रभारी
बीते बुधवार को समीक्षा बैठक के दौरान इस घटना में कोई ठोस प्रगति और घटना की सूचना मिलने के बाद भी उदासीनता दिखाने के आरोप में तत्कालीन चौकी इंचार्ज अमित शुक्ला को सस्पेंड किया जा चुका है. आरोप था की पुलिस को एक दिन पहले भी मकान से दुर्गंध आने की सूचना दी गई थी, पुलिस मौके पर गई भी लेकिन मकान की तलाश नहीं करवाई.वहीं, घटना को लेकर अब आसपास के लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त है.