BHU के शोध छात्रों को भी महामना पोस्ट डाक्टोरल फेलोशिप में शामिल करने की मांग, CYSS ने सौंपा ज्ञापन...
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के शोध छात्रों को भी महामना पोस्ट डाक्टोरल फेलोशिप में शामिल करने की मांग उठने लगी है. शुक्रवार को छात्र युवा संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने अपनी मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा.
वाराणसी,भदैनी मिरर। बीएचयू द्वारा शोध की गुणवत्ता और विभिन्न विषयों में शोध प्रसारित करने के लिए निकाले गए महामना पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप के संबंध में शुक्रवार को छात्र युवा संघर्ष समिति (CYSS-BHU) इकाई के कार्यकर्ताओं द्वारा कुलसचिव (रजिस्टार) के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान छात्र युवा संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव व छात्र कुलदीप तिवारी क्रांतिकारी ने कहा कि, काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने शोध की गुणवत्ता एवं विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट शोध प्रसारित करने के लिए महामना पोस्ट डॉक्टोरल फैलोशिप निकाली है। जिसका CYSS BHU इकाई भरपूर स्वागत करती है। लेकिन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से ही शोध किए हुए छात्र–छात्राओं को इस डॉक्टोरल फेलोशिप योजना में आवेदन हेतु वंचित किया जा रहा है। जो पूर्णतः तर्कहीन है। इस कारण विश्वविद्यालय में हजारों की संख्या में छात्रों के अंदर निराशा व्याप्त है।
जब महामना की बगिया में और महामना के नाम से चलाये जा रहे इस योजना में उनके ही मानस पुत्रों को ही जगह नहीं मिलेगी तो यह महामना के मूल्यों का हनन होगा। साथ ही इस प्रकार के योजनाओं का कोई औचित्य ही नहीं रहेगा। महामना के उद्देश्यों का पालन विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है। उनके ही मानस पुत्रों के साथ वर्तमान में विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा छलावा किया जा रहा है। महामना की बगिया के छात्र कैसे अयोग्य साबित हो जाएंगे विश्वविद्यालय की देश में अलग पहचान है। बावजूद इसके विश्वविद्यालय के द्वारा चलायी जा रही इस योजना में विश्वविद्यालय के छात्रों को ही नहीं रखा जा रहा है। यह बिल्कुल ही छात्र हितों के खिलाफ है।
उन्होंने कहा की CYSS BHU इकाई विश्वविद्यालय प्रशासन से यह मांग करती है कि महामना पोस्ट डॉक्टोरल फैलोशिप में काशी हिंदू विश्वविद्यालय से शोध पूर्ण कर चुके विद्यार्थियों की भी योग्यता सुनिश्चित की जाए जिससे विश्वविद्यालय की गरिमा बनी रहे। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस योजना में व्यापक रूप से भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जो हम शोध के छात्र नहीं सहेंगे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा की अगर BHU के छात्रों को इस योजना में नहीं रखा गया तो आने वाले समय में एक व्यापक आंदोलन होगा। जिसकी जिम्मेदारी BHU शासन और प्रशासन की होगी ।