गैर इरादतन हत्या में कोर्ट ने चार को सुनाई सजा, मिर्जामुराद थाना क्षेत्र का है मामला...

मिर्जामुराद थाना क्षेत्र में समरसेबुल चलाने को लेकर हुए विवाद में दर्ज गैर इरादतन हत्या के मामले में चार आरोपियों पर दोष सिद्ध होने पर कोर्ट ने सजा सुनाई है.

गैर इरादतन हत्या में कोर्ट ने चार को सुनाई सजा, मिर्जामुराद थाना क्षेत्र का है मामला...

वाराणसी, भदैनी मिरर। समरसेबुल चलाने के विवाद में लाठी-डंडे व रंभा से मारकर गैर इरादतन हत्या करने के मामले में अदालत ने चार अभियुक्तों को दंडित किया है. विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) अभय कृष्ण तिवारी की अदालत ने रखौना, मिर्जामुराद निवासी अभियुक्तगण उमाशंकर, उसके भाई दयाशंकर को दोषी पाने पर सात-सात साल के कठोर कारावास व 25-25 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है, वहीं उसी गांव के अभियुक्तगण तिलकधारी व उसके पुत्र बृजेश को दोषी पाने पर पांच-पांच वर्ष के कठोर कारावास व दस-दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से आधी धनराशि मृतक कि पत्नी व उसके जीवित न रहने पर मृतक के भाई को देने का आदेश दिया है. अदालत में अभियोजन की ओर से एडीजीसी रोहित मौर्य ने और वादी की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव व बृजपाल सिंह यादव ने पक्ष रखा.


अभियोजन पक्ष के अनुसार राखौना, मिर्जामुराद निवासी वादी मुकदमा मुकेश ने मिर्जामुराद थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसके पट्टीदार उमाशंकर तथा उसके बीच एक कॉमन समरसेबुल पंप है। जिसका दोनो पक्ष बारी -बारी उपयोग करते है। इस बीच 22 सितंबर 2013 को वादी के पिता सर्वजीत व भाई संतोष अपनी पारी पर सुबह साढ़े 7 बजे पंप चलाने पहुंचे तो उसके पट्टीदार उमाशंकर अपने हाथ में लोहे का रंभा व दयाशंकर लाठी लिए हुए वहां पहुंचे और कहे की आज समरसेबुल हम चलाएंगे।

जब उसके पिता ने विरोध किया तो वह लोग कहासुनी करने लगे। इसी दौरान अभियुक्त तिलकधारी व बृजेश के ललकारने पर उमाशंकर व दयाशंकर उसके पिता व भाई को लाठी-डंडे व रंभा से मारने पीटने लगे। जिससे उसके पिता का सिर फट गया और वह लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़े। शोर सुनकर जब गांव के लोग वहां पहुंचे तो सभी हमलावर वहां से भाग निकले। जिसके बाद वादी अपने पिता व भाई को लेकर अस्पताल पहुंचा, जहां चिकित्सकों ने उसके पिता को मृत घोषित कर दिया। वहीं इस मामले में दर्ज क्रास केस में आरोपित मुकेश मौर्य, संतोष मौर्य, मृतक की पत्नी रमपत्ती देवी व शीला देवी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।