रंगभरी कल: गौने की बारात लेकर काशीपुराधिपति पहुंचे ससुराल, ठंडई से हुआ बाबा का स्वागत...

Colorful tomorrow In laws reached Kashipuradhipati with a procession of cows Baba was welcomed by Thandaiरंगभरी कल: गौने की बारात लेकर काशीपुराधिपति पहुंचे ससुराल, ठंडई से हुआ बाबा का स्वागत...

रंगभरी कल: गौने की बारात लेकर काशीपुराधिपति पहुंचे ससुराल, ठंडई से हुआ बाबा का स्वागत...

वाराणसी,भदैनी मिरर। परंपरा को जिंदा रखने वाले काशीवासियों को जिस पल का इंतजार पूरे साल रहता है, वह घड़ी अब आ गई है। बाबा काशीपुराधिपति गौना की बारात लेकर रंगभरी की पूर्व संध्या पर रविवार को महंत आवास पहुंचे। जहां बाबा की बारात का अनूठा स्वागत हुआ। हर बार तो बारातियों का स्वगत ठंडई पिला कर किया जाता था मगर इस बार दूल्हा बने बाबा विश्वनाथ पर ठंडई और गुलाबजल की फुहार उड़ा कर किया गया। इसके बाद फल, मेवा और बाबा के लिए खासतौर पर मिश्राम्बु द्वारा तैयार की गई ‘रंगभरी ठंडई’ से पारंपरिक स्वागत किया गया।

गौरा का गौना कराने बाबा विश्वनाथ के आगमन पर अनुष्ठान का विधान पं.सुनील त्रिपाठी के अचार्यत्व में किया गया। बाबा का अभिषेक करने के बाद वैदिक सूक्तों का घनपाठ किया गया। काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी के सानिध्य  में विविध अनुष्ठान हुए। बाबा विश्वनाथ व माता पार्वती की गोदी में प्रथम पूज्य गणेश की रजत प्रतिमाओं को एक साथ सिंहासन पर विराजमान कराया गया। पूजन-आरती कर भोग लगाया गया। पहले डमरुओं की गर्जना हुई फिर महिलाओं और नगर के कलाकारों ने मंगल कामनाओं से परिपूर्ण पारंपरिक गीत लोकनृत्य से ससुराल पहुचे काशी पुराधिपति का स्वागत हुआ। मंहत आवास गौने के बधाई गीतों से गुंजायमान हो उठा।  

रंगभरी एकादशी पर 14 मार्च को बाबा के पूजन का क्रम ब्रह्म मुहूर्त में मंहत आवास पर आरंभ होगा। बाबा के साथ माता गौरा की चल प्रतिमा का पंचगव्य तथा पंचामृत स्नान के बाद दुग्धाभिषेक किया जाएगा। दुग्धाभिषेक पं. वाचस्पति तिवारी और संजीव रत्न मिश्र करेंगे। सुबह पांच से साढ़े आठ बजे तक 11 वैदिक ब्रह्मणों द्वारा षोडशोपचार पूजन पश्चायत फलाहार का भोग लगा महाआरती की जाएगी। दस बजे चल प्रतिमाओं का राजसी शृंगार एवं पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे भोग आरती के बाद के बाबा का दर्शन आम श्रद्धालुओं के खोला जाएगा। जन सामान्य के लिए दर्शन सायं पांच बजे तक खुला रहेगा। उमरूदल के सदस्यों के लिए दोपहर एक से तीन बजे तक समय निर्धारित किया गया है। 


बाबा की पालकी की शोभायात्रा टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास से विश्वनाथ मंदिर तक निकाली जाएगी। इससे पूर्व प्रात: साढ़े दस बजे से शिवांजलि संगीत समारोह का परंपरागत आयोजन  होगा। एएम. हर्ष के संयोजन में होने वाले शिवांजलि संगीत समारोह का मुख्य आकर्षण ख्यात कलाकार विदुषी सुचरिता गुप्ता एवं प्रख्याात तबलावादक पं. अशोक पांडेय का तबला वादन होगा। शुरुआत महेंद्र प्रसन्ना द्वारा शहनाई की मंगलध्वनि से होगी।कीर्तिमानधारी शंखवादक हैदराबाद के श्रीवल्लभ, जयपुर के भजन गायक मोहन स्वामी, रुद्रनाद बैंड के लीड सिंगर अमित त्रिवेदी, आराधना सिंह, सरोज वर्मा, पुनीत ‘पागल बाबा’, संजय दुबे आदि कलाकार भजनों की प्रस्तुतियां करेंगे।