शरद पूर्णिमा आज: आसमान से होगी अमृत वर्षा, खुले आसमान में रखे खीर
वाराणसी। मंगलवार को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2021) की तिथि शुरू हो गई है। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) कहते हैं। आज के दिन लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है। आज की रात चंद्रमा की किरणें अमृत के समान मानी जाती है। आज के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन की वर्षा होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
आसमान से बरसता है अमृत
माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत बरसता है। चांद की किरणों से धरती पर शीतलता और पोशक ताकत की वर्षा होती है। इस दिन लोग खीर बनाकर चांदी के बर्तन में खुले आसमान के नीचे रखते हैं। खीर में चावल, दूध और शक्कर होती है जो चंद्रदेवता का शुभ भोग माना जाता है।
खीर के पीछे का महत्व
मान्यता है कि इस दिन चांदी के बर्तन में खीर को चांद की रोशनी में रखकर खाने से बहुत लाभ मिलता है। हालांकि जिनके पास चांदी का बर्तन नहीं है वह मिट्टी या कांच के बर्तन में भी रख सकता है। खासकर चांदी व मिट्टी के बर्तन में खीर रखने से अधिक फल मिलता है।
विज्ञान भी है कारण
इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी देखा जाता है। कहते हैं कि शरद पूर्णिमा पर मौसम भी बदलता है और शीत ऋतु की शुरुआत होती है। खीर खाने का मतलब होता है कि ठंड शुरू हो चुकी है अब गर्म चीजों का सेवन शुरू कर देना चाहिए।
इस दिन खीर खाने के आयुर्वेदिक फायदे
आज की रात का चांद हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। चांद की रोशनी से पित्त व शरीर की परेशानी दूर होती है। कहा जाता है दशहरे से लेकर शरद पूर्णिमा तक रोज चांद की रोशनी में बैठना चाहिए। इससे सेहत को काफी फायदे मिलते हैं। वैद्य लोग इस दिन चांद की रोशनी में अपनी औषधियां बनाते हैं।