मुल्क की खुशहाली और अमन-चैन के लिए पढ़ी गई अगहनी जुमे की नमाज, हुई दुआख्वानी...

देश की मंदी की मार से बचाने और मुल्क में अमन-चैन मजबूत करने के लिए रवायत बन चुके अगहनी जुमे की नमाज शुक्रवार को पढ़ा गया.

मुल्क की खुशहाली और अमन-चैन के लिए पढ़ी गई अगहनी जुमे की नमाज, हुई दुआख्वानी...

वाराणसी, भदैनी मिरर। बनारस के बुनकर बिरादरी की ओर से मुल्क की खुशहाली और अमन-चैन की दुआ के लिए आयोजित होने वाले ऐतिहासिक अगहनी जुमे की नमाज शुक्रवार को पढ़ी गई. इस मौके पर बुनकरों द्वारा जुमे पर मुर्री बंद रही. अगहनी जुमे की नमाज पारंपारिक रूप से लगभग 450 साल से पुराना पुल, पुल कोहना स्थित ईदगाह में अदा की जाती है. मुर्रीबंद का ऐलान सदर बावनी पंचायत के सरदार हाजी मुख्तार महतो की तरफ से किया गया था. अगहनी जुमे की नमाज पढ़ने के लिए शहर भर के बुनकर बिरादराना तंजीम के लोग ईदगाह में जुटे और मुल्क में अमन चैन के लिए दुआख्वानी की. नमाज मौलाना मोहम्मद जहीर ने अदा कराई.

इस दौरान हाजी वकास अंसारी ने बताया की केवल काशी में करीब साढ़े चार सौ साल पहले शुरु हुए खास नमाज की परंपरा को निभाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि तब देश में सुखा पड़ा था, किसानों का फसल न होने से आर्थिक मंदी आ गई और लोग बुनकरी का समान खरीदना बंद कर दिए थे. जिसे देखते हुए अगहन माह के दूसरे हफ्ते में सभी बुनकरों ने अपने-अपने कारोबार को बंद कर जुमे की नमाज अदा की. जिसके बाद से अब यह रवायत बन चुकी है.

नमाज में भारी संख्या में मुस्लिम बन्धु शामिल हुए। नमाज के बाद सभी ने काशी की गंगा जमुनी तहजीब के तहत परंपरानुसार हिंदुओं द्वारा ईदगाह के बाहर लगाई गई दुकानों से गन्ने की खरीददारी की. इस दौरान क्षेत्र में भारी फोर्स तैनात रही.