सुभासपा को वाराणसी में बड़ा झटका, शशिप्रताप ने किया नए पार्टी का गठन, बोले- शक होता है ओपी राजभर सनातनी है भी की नहीं?

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शशिप्रताप सिंह ने सुभासपा से किनारा कर लिया है. उन्होंने ओमप्रकाश राजभर को धृतराष्ट्र कहा है. इसी के साथ सुभासपा के पूर्व प्रवक्ता शशि प्रताप सिंह ने अपनी नयी पार्टी के गठन की घोषणा की. कैंटोमेंट स्थित एक होटल में आयोजित समारोह में पार्टी के गठन का एलान करते हुए बताया कि उनकी नई पार्टी का नाम राष्ट्रीय समता पार्टी है जो पूरे देश में परिवारवाद के खिलाफ आवाज उठाएगी. 

सुभासपा को वाराणसी में बड़ा झटका, शशिप्रताप ने किया नए पार्टी का गठन, बोले- शक होता है ओपी राजभर सनातनी है भी की नहीं?

वाराणसी,भदैनी मिरर। अलग-अलग पार्टियों को समर्थन करने वाले सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को वाराणसी से बड़ा झटका लगा है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शशिप्रताप सिंह ने सुभासपा से किनारा कर लिया है. उन्होंने ओमप्रकाश राजभर को धृतराष्ट्र कहा है. इसी के साथ सुभासपा के पूर्व प्रवक्ता शशि प्रताप सिंह ने अपनी नयी पार्टी के गठन की घोषणा की. कैंटोमेंट स्थित एक होटल में आयोजित समारोह में पार्टी के गठन का एलान करते हुए बताया कि उनकी नई पार्टी का नाम राष्ट्रीय समता पार्टी है जो पूरे देश में परिवारवाद के खिलाफ आवाज उठाएगी. 

पुत्र प्रेम में ओपी राजभर बन गए धृतराष्ट्र

उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि बनारस जिले में सैकड़ों ऐसे नेता हैं जो ओमप्रकाश राजभर से ज्यादा ताकतवर हैं और उन्होंने पार्टी को 10 साल-12 साल से ढोया है. इसलिए ढोया की समय आएगा तो इस पार्टी में हमें भी सम्मान मिलेगा, जब समय आया तो अपने बेटे को लाकर लड़ा दिए शिवपुर से. उन्होंने कहा कि शशि प्रताप सिंह को चुनाव नहीं लड़ना था क्योंकि हमारे पास नामांकन तक का पैसा नहीं है, लेकिन और भी नेता थे आप उसी में से लड़ा देते. आप जानते थे की राजभर वहां मंत्री है तो राजभर पुत्र को लड़ाना ही नहीं चाहिए था. उन्होंने कहा कि वहां से किसी ब्रह्मण, वैश्य, पटेल, राजपूत को लड़ाते लेकिन पुत्र प्रेम में धृतराष्ट्र इतना अंधा हुआ कि उसे कुछ नहीं दिखा.


ओपी राजभर सनातनी है भी की नहीं?

अपनी पार्टी के गठन पर उन्होंने सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर जमकर हमला किया और कहा कि प्रदेश का सबसे बड़ा झूठा आदमी है ओमप्रकाश राजभर. ये कहता है राम को नहीं मानते, कावरियां और सन्यासी गंजेड़ी हैं, कहता है महादेव की बात मत करो तो हमें तो शक होता है कि ये सनातनी है भी की नहीं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित के लिए जो काम करेगा उसके लिए गर्दन कटा देंगे और देश में रहकर जो राष्ट्रहित की बात नहीं करेगा उसकी गर्दन काट देंगे।

पत्रकारों ने कहा कि आज एक बड़ा धड़ा सुभासपा से अलग हुआ है इस पर शशि प्रताप सिंह ने कहा कि धड़ा नहीं पूरा धड़ अलग हो गया है। वाराणसी में ओमप्रकाश राजभर के बाद लोग शशि प्रताप सिंह को ही न जानते थे। उनके पास बचा ही क्या है। संजय कुमार यादव शिवपुर विधानसभा में 38 हजार वोट पाए थे। वो राजभर का वोट था। इसबार उनका पुत्र गया तो सिर्फ 6 हजार वोट मिला वहां, तो कहां उनके साथ कोई रह गया है। उन्होंने आगे कहा कि आज शुरुआत हुई है कल से लाइन लग जायेगी हमारी पार्टी की सदस्य्ता लेने के लिए। तीन पूर्व विधायक और वर्तमान के एक  विधायक आज ही आने वाले थे लेकिन हमने मना कर दिया और कहा कि एक ही दिन में सब पिक्चर नहीं दिखाना। हमारी पार्टी में सबको हक़, हिस्सा सम्मान मिलेगा। 

 वहीं उन्होंने कटाक्ष करते हुए ओमप्रकाश राजभर पर कहा कि विधानसभा चुनाव में उन्होंने दम्भ भरा था कि सुभासपा ने किसी अन्य पार्टी को आजमगढ़ में खाता नहीं खोलने दिया इसपर अखिलेश यादव जी ने उन्हें संसदीय चुनाव की जिम्मेदारी दी और धर्मेंद्र यादव को चुनाव लड़वाया पर क्या हुआ सब टाँय-टांय फिस्स।