आस्थावनों ने लगाई गंगा में डुबकी: मकर संक्रांति पर दान कर कमाया पुण्य, सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम...

भगवान सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही मकर संक्रांति पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर श्रद्धालुओं का तांता लग गया.

आस्थावनों ने लगाई गंगा में डुबकी: मकर संक्रांति पर दान कर कमाया पुण्य, सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम...

वाराणसी, भदैनी मिरर। भगवान सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही मकर संक्रांति पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर श्रद्धालुओं का तांता लग गया. तड़के चार बजे ही सभी प्रमुख घाट श्रद्धालुओं से पट गए. स्नान-पूजन और दान का सिलसिला तड़के से शुरू होकर अनवरत चलता रहा. ठंड भी श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा नहीं सकी. हालांकि धूप खिलने से श्रद्धालुओं को राहत हुई, लोगों ने गंगा में डुबकी लगाकर पाप धोए. वहीं गरीबों को दान कर पुण्य कमाया. इस दौरान सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम रहे. एनडीआरएफ व जल पुलिस के साथ ही पुलिस-प्रशासन भी सक्रिय रहा.

मकर संक्रांति पर गंगा स्नान का विशेष पुण्य माना गया है. ऐसे में रविवार की भोर से ही श्रद्धालु काशी के घाटों पर पहुंचने लगे. दशाश्वमेध, अस्सी, पंचगंगा समेत प्रमुख घाटों पर आस्थावानों की भीड़ उमड़ी. लोगों ने गंगा की पवित्र धारा में डुबकी लगाई.

इसके बाद पंडों, पुरोहितों, गरीबों व भिखारियों में दान-पुण्य और गरीबों की सेवा की. घाटों पर भीड़ को देखते हुए प्रशासन अलर्ट रहा. स्नानार्थी अरूण मिश्रा ने कहा कि एक माह के खरमास के बाद सूर्य उत्तरायण हुए हैं. मां गंगे व बाबा विश्वनाथ से यही कामना है कि कोविड से समूचे विश्व को निजात मिल जाए.