BHU: फीस वृद्धि के खिलाफ सेंट्रल ऑफिस पर छात्रों का हंगामा, सुरक्षाकर्मियों से हुई नोक-झोंक, जाने क्या दी चेतावनी...

बीएचयू में गुरुवार को केंद्रीय कार्यालय पर आइसा के बैनर तले विभिन्न छात्र संगठनों के छात्रों द्वारा केंद्रीय कार्ययालय पर धरना प्रदर्शन किया गया।

BHU: फीस वृद्धि के खिलाफ सेंट्रल ऑफिस पर छात्रों का हंगामा, सुरक्षाकर्मियों से हुई नोक-झोंक, जाने क्या दी चेतावनी...

वाराणसी,भदैनी मिरर। बीएचयू में फीस वृद्धि को लेकर एक के बाद एक लगातार छात्र संगठनों का आंदोलन जारी है। इसी क्रम में गुरुवार को केंद्रीय कार्यालय पर आइसा के बैनर तले विभिन्न छात्र संगठनों के छात्रों द्वारा केंद्रीय कार्ययालय पर धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान छात्र जब केंद्रीय कार्यालय के अंदर जाना चाहे तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया जिससे सुरक्षा कर्मियों और छात्रों में जमकर धक्का-मुक्की हुई। 

कुलदीप तिवारी क्रांतिकारी पीजी के छात्र ने कहा की विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की गई फीस वृद्धि के खिलाफ किए जा रहे आंदोलन में हम छात्र संगठनों का आह्वाहन किया गया था की सभी छात्र संगठन आगे आएं और विरोध में शामिल हों। जिसमें आज बीसीएम, सीवीएसएस, दिशा और एससीएस छात्र संगठनों ने हमारा समर्थन किया है। आज हम कुलपति को ज्ञापन देने आए हैं। लेकिन यहां महिला गार्डों को आगे कर धक्का–मुक्की कराया जा रहा ताकि हम पर फर्जी तरीके से एफआईआर कर डीबार किया जाए। 

कुलदीप ने कहा की छात्रों का कहना था कि बीएचयू प्रशासन द्वारा विभिन्न कोर्सेज और हॉस्टलों की फीस में 100 से लेकर 500 फीसदी की बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है। फीस वृद्धि का सीधा प्रभाव गरीबों, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों तबके से आने वाले छात्र-छात्राओं पर पड़ेगा जो बड़ी मुश्किल से केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ने का अवसर पाते हैं।

 उन्होंने कहा की जब हिटलर की सरकार थी तब भी विश्वविद्यालय का टैक्स नहीं बढ़ा था। हमारे कुलपति इतना नहीं समझ रहे की यह महामना की बगिया है न की इलाहाबाद और दिल्ली विश्वविद्यालय। काशी हिंदू विश्वविद्यालय दान से चलता आया है और हम छात्र कभी भी यहां फीस वृद्धि नहीं होने देंगे। चाहे आने वाले छात्रों का या वर्तमान, आने वाले छात्रों के साथ हम नाइंसाफी नहीं होने दे सकते हैं। उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ होने नहीं देंगे। हमारी मांग है की जल्द से जल्द फीस वृद्धि वापस ली जाए अन्यथा आंदोलन तेज होगा हम छात्र आमरण अनशन और आत्मदाह करेंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।