क्लाइमेट एजेंडा से स्वास्थ्यकर्मियों के बीच शुरु किया जागरूकता अभियान, बोले लोग- वायु प्रदूषण के बचाव को सामान्य व्यवहार में करना होगा शामिल...

काशी विद्यापीठ ब्लाक स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में मंगलवार को क्लाइमेट एजेंडा द्वारा उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों के बीच वायु प्रदूषण जागरूकता अभियान का आगाज किया गया।

क्लाइमेट एजेंडा से स्वास्थ्यकर्मियों के बीच शुरु किया जागरूकता अभियान, बोले लोग- वायु प्रदूषण के बचाव को सामान्य व्यवहार में करना होगा शामिल...

वाराणसी,भदैनी मिरर।  काशी विद्यापीठ ब्लाक स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में मंगलवार को क्लाइमेट एजेंडा द्वारा उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों के बीच वायु प्रदूषण जागरूकता अभियान का आगाज किया गया। कार्यक्रम में शहर के सात स्वास्थ्य उपकेंद्रों से जुडी एनम कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। इस अवसर पर वाराणसी में आयुष्मान भारत योजना के मुख्य नोडल अधिकारी एवं काशी विद्यापीठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ आर के सिंह और क्लाइमेट एजेंडा की निदेशक एकता शेखर मौजूद रहे।

प्रशिक्षण सत्र में काशी विद्यापीठ ब्लाक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ आर के सिंह ने क्लाइमेट एजेंडा द्वारा जारी प्रशिक्षण पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने सभी सम्बंधित उपकेंद्रों की स्वास्थय कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा की जन स्वास्थ्य के विरूद्ध वायु प्रदूषण एक उभरती हुई चुनौती है। इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए ऐसे कार्यक्रम और अभियान निसंदेह लाभकारी साबित होंगे। प्रशिक्षण पुस्तिका एवं ऐसे ही प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से अगर हम सभी स्वास्थ्य कर्मियों तक यह सन्देश पहुंचा सकें, तो निश्चय ही पहले से घोषित वैश्विक विकास लक्ष्य संख्या तीन को हासिल करना आसान हो जाएगा, जिसके अंतर्गत जन स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने का वादा किया गया है।। अभियान को शुभकामना देते हुए डॉ सिंह ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा और जन स्वास्थ्य आपस में जुड़े हुए मसले हैं जिन पर साथ मिल कर अधिक से अधिक काम करने की जरुरत है। 

वहीं अभियान के बारे में संस्था की निदेशक एकता शेखर ने बताया की वायु प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाला नुकसानदेह असर अब जग जाहिर है। इससे बचाव के तौर तरीकों को सामान्य व्यवहार में शामिल करा कर ही एक बेहतर और स्वस्थ भविष्य की कल्पना की जा सकती है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन एच एम) के अंतर्गत मात्रि मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को लगातार कम करने की दिशा में प्रयास जारी है, जिसमें फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कर्मियों की बेहद शानदार भूमिका है। इन फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कर्मियों की देश के लाखों करोड़ों घरों तक सीधी पहुँच से इस प्रयास को वह मुकाम मिल सकता है जहां से हम अगली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत की कल्पना को साकार होते देख सकते हैं। 

इस अवसर पर माधोपुर पीएचसी से डॉ आलोक प्रकाश, लोहता पीएचसी से डॉ उमेश सिंह, काशी विद्यापीठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉ निधि पाण्डेय, कैन्टोमेंट से डॉ मधु पाण्डेय, डॉ ए पी सिंह, क्लाइमेट एजेंडा से इज्मत अंसारी, आशुतोष श्रीवास्तव, ब्रिजेश पटेल समेत बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।