... काहे जाए देहली हो ललनवा तोहे: कुवैत के अग्निकांड में शिकार प्रवीण का शव घर पहुंचते ही पत्नी और मां बेसुध
कुवैत के मंगाफ में बीते बुधवार को रिहायशी बिल्डिंग में लगे भीषण अग्निकांड में शिकार हुए 45 भारतीयों में वाराणसी के शिवपुर के छतरीपुर निवासी प्रवीण माधव सिंह (36) का पार्थिव शव शनिवार सुबह आवास पहुंचा.
वाराणसी, भदैनी मिरर। कुवैत के मंगाफ में बीते बुधवार को रिहायशी बिल्डिंग में लगे भीषण अग्निकांड में शिकार हुए 45 भारतीयों में वाराणसी के शिवपुर के छतरीपुर निवासी प्रवीण माधव सिंह (36) का पार्थिव शव शनिवार सुबह आवास पहुंचा. शव घर पहुंचते ही पत्नी रूपा सिंह और मां मंजू देवी को रोता देखकर हर किसी की आंखे नम हो गई. दस साल की बेटी मनीषा की चीत्कार सुन किसी के पास ढांढस बंधाने को शब्द नहीं थे. वहीं 10 माह की दूसरी बिटिया जान्हवी को कुछ समझ नहीं आ रहा था. योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर शव को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे. वहां से एंबुलेंस से प्रवीण का शव लेकर उनके आवास पहुंचे. प्रवीण के पिता जयप्रकाश को वह लगातर सांत्वना देते रहे.
शनिवार सुबह से ही नायब तहसीलदार प्रीति पांडेय, राजस्व निरीक्षक छांग प्रसाद, लेखपाल दीपांशु सिंह व स्थानीय पुलिस मौजूद रही. प्रवीण के शव की अंत्येष्टि मणिकर्णिका घाट पर होगी.
...काहे जाए देहली हो ललना तोहे
प्रवीण माधव सिंह का पार्थिव जैसे ही दरवाजे पर पहुंचा मां मंजू देवी ताबूत से लिपटकर दहाड़े मार रोने लगी. उसके मुंह से बस एक ही शब्द थे. ... तोहे मनवा ना रहे त, काहे जाए देहली हो, हे राम दू गो बिटिया अनाथ हो गईली"। वहीं, पत्नी रूपा सिंह पति का शव देख बेसुध हो गई. परिवार में प्रवीण के भाई अमन, अनुराग और एक बहन का भी रो-रोकर बुरा हाल था.
2 माह पहले आए थे छुट्टी से
कुवैत के NBTS कंपनी में सेल्स कॉर्डिनेटर के पद पर तैनात इंजीनियर प्रवीण माधव सिंह दो माह पहले ही छुट्टी पर अपने घर शिवपुर आए थे. वह तकरीबन 15 दिन परिवार के साथ रहे. जाते समय परिजनों से कहा था, जाने की इच्छा नहीं हो रही. मगर मजबूरी थी कि जिस कंपनी में वह कार्यरत थे वह कंपनी 10 साल पूरा होने पर ही फंड देती है. प्रवीण अपने बुजुर्ग पिता से वादा करके गए की अगले वर्ष वह परमानेंट वापस लौट आएंगे. बच्चों और परिवार से अलग रहना उन्हें अखरता है.