विरासत और संस्कृति को आगे बढ़ाने का सशक्त माध्यम है कलाकार, चित्रकारी खरीदने वालों की ही देश में कमी: हीना भट्ट...
भारत में कलाकार और कलाकारी का सम्मान तो है लेकिन उस कलाकारी को खरीदने वालों की कमी है. उभरते कलाकारों को उनके रोजमर्रा की चीजों के अलावा आर्ट मटेरियल की भी आवश्यकता होती हैं.
वाराणसी/भदैनी मिरर
भारत में कलाकार और कलाकारी का सम्मान तो है लेकिन उस कलाकारी को खरीदने वालों की कमी है. उभरते कलाकारों को उनके रोजमर्रा की चीजों के अलावा आर्ट मटेरियल की भी आवश्यकता होती हैं. युवा कलाकार लगातार चित्रकारी करते जा रहा हो और उसकी कला को सम्मान न मिल पाए या चित्रकारी को कोई न खरीदे तो वह निराश हो जाते है और एक समय ऐसा आता है कि वह कला से मुंह मोड़ लेते है. उक्त बातें आर्ट वेंचर्स की क्यूरेटर और कलाकार हीना भट्ट वाराणसी में भदैनी मिरर से अनौपचारिक बातचीत में कही.
वाराणसी में आयोजित पांच दिवसीय (17– 22 जुलाई 2024) मध्यम अक्षय कलायात्रा– 2 कला शिविर आर्ट वेंचर्स की क्यूरेटर हीना भट्ट की एक पहल है. जिसके उपलक्ष्य में कलाकार हीना भट्ट काशी आई हुई है. इसी क्रम में आगे उन्होंने बातचीत में बताया कि उनकी वेंचर्स और फाउंडेशन आर्ट और आर्टिस्ट को प्रोत्साहित करती हैं ताकि आर्टिस्ट का नाम दुनिया भर में रौशन हो. यह अक्षय कला यात्रा है जिसकी शुरुआत उन्होंने दक्षिण के बैंगलोर से की थी और उसी को आगे बढ़ाते हुए वह मध्यम स्टेट्स का सफर तय करते हुए वाराणसी में अब यह कला संगम का आयोजन कर रही है. कहतीं है कि उनकी कोशिश है सभी कलाकार एक साथ एक मंच पर जुड़े और अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें जिससे इंडिया का आर्ट सीन क्या है और इसका फ्लेवर सभी को मिल सके.
हीना भट्ट का कला से जुड़ाव बचपन से है वे खुद एक आर्टिस्ट हैं उनके पिता उन्हें कला की तरफ काफी सपोर्ट करते थे. कहती है कि उनके पिता टीवी पर जब भी कोई कला संबंधित कार्यक्रम आते थे तो वे खुद उन्हें अपने साथ बैठकर दिखाते थे और खुद प्रोत्साहित भी करते थे. हीना भट्ट ने खुद फाइन आर्ट्स की पढ़ाई की है, उन्होंने खुद की जीवन यात्रा में देखा कि आर्टिस्ट के लिए कोई ऐसा प्लेफॉर्म नहीं है जो एक कलाकार को प्रोत्साहित करके आगे ले जाए इसलिए उन्होंने संकल्प लिया कि वह ऐसा कुछ करें जिससे कलाकार उभर कर सामने आ सके.
काशी में आयोजित होने वाले कार्यक्रम
यह कला शिविर पुणे की महत्वपूर्ण कला संस्था हिना भट्ट आर्ट वेंचर्स द्वारा आयोजित किया जा रहा है. इस शिविर की क्यूरेटर पुणे महाराष्ट्र की हिना भट्ट हैं और कोऑर्डिनेटर वाराणसी के कलाकार अनिल शर्मा के सहयोग से किया जा रहा है. जो स्थानीय समर्थन के साथ इसे समन्वयित करने में सक्रिय रूप से शामिल हैं. बता दें कि यह पांच दिवसीय कला शिविर 17 जुलाई से 22 जुलाई तक वाराणसी स्थिति राम छाटपार शिल्पन्यास परिसर में किया जाएगा. शिविर के दौरान ही 20 जुलाई को शाम 4 बजे से 6 बजे तक विज़िटर्स डे में कला के छात्र , कलाप्रेमी और अन्य कलाकार शिविर में भाग लेने वाले कलाकारों के साथ बातचीत कर सकेंगे.
मध्यम कला शिविर में भाग लेने वाले प्रमुख कलाकारों में मध्यप्रदेश से यूसुफ - भोपाल, पद्मश्री भूरी बाई - भोपाल, लाडो बाई - भोपाल, डॉ. विम्मी मनोज-इंदौर,सुप्रिया अंबर-जबलपुर,उदय गोस्वामी-भोपाल,डॉ. सोनम सिकरवार-भोपाल,लकी जयसवाल-इंदौर, रांची (झारखंड) से हरेन ठाकुर , उत्तर प्रदेश राज्य से प्रोफेसर मृदुला सिन्हा - वाराणसी, पूनम चंद्रिका त्यागी - ग्रेटर नोएडा,अनुप कुमार चंद-गाजियाबाद,डॉ. सुनील विश्वकर्मा-वाराणसी, अनिल शर्मा-वाराणसी,कृति केसी सक्सेना-आगरा, सुरेश जांगिड़-वाराणसी,भूपेन्द्र कुमार अस्थाना-लखनऊ,राजीब सिकदर-अलीगढ़, संजय कुमार राज-लखनऊ, बिहार राज्य से मोहम्मद सुलेमान - समस्तीपुर, अनिता कुमारी-पटना, उत्तराखंड राज्य से रबी पाशी-नैनीताल, छत्तीसगढ़ से अंबरीश मिश्रा-खैरागढ़, और महाराष्ट्र राज्य से हिना भट्ट-पुणे हैं.
तनीषा श्रीवास्तव