कैंपस में लगा पोस्टर: BHU में नहीं चलने देंगे हिंदू विरोधी गतिविधियां, जारी पोस्टर के समर्थन में उतरे छात्र...
विश्वविद्यालय में कई स्थानों पर लगे इस पोस्टर पर एक तरफ सावरकर विचार मंच और दूसरी तरफ एबीबीवाई लिखा है। हालांकि यह पोस्टर किसने लगाया है यह किसी को नहीं मालूम। बताया जा रहा है कि यह पोस्टर बुधवार की रात में चस्पा किया गया है।
वाराणसी,भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के उर्दू विभाग द्वारा जारी महामना मदनमोदन मालवीय की जगह अल्लामा इकबाल की फोटो के साथ ई-पोस्टर का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले भारत के नक्शे को खंडित दिखाना और फिर इस विवाद को लेकर कैंपस में कई जगहों पर पोस्टर लगाए गए है। पोस्टर में चेतावनी दी गई है कि विश्वविद्यालय को हिंदू विरोधी अड्डा नहीं बनने देंगे।
पोस्टर के समर्थन में उतरे छात्र
विश्वविद्यालय में कई स्थानों पर लगे इस पोस्टर पर एक तरफ सावरकर विचार मंच और दूसरी तरफ एबीबीवाई लिखा है। हालांकि यह पोस्टर किसने लगाया है यह किसी को नहीं मालूम। बताया जा रहा है कि यह पोस्टर बुधवार की रात में चस्पा किया गया है। पोस्टर में चेतावानी दी गई है कि 'विश्वविद्यालय को हिन्दू विरोध का अड्डा नहीं बनने देंगे।" पोस्टर कला संकाय सहित कई जगहों पर चस्पा कराया गया है।
शोध छात्र गूँजेश गौतम ने कहा कि पोस्टर किसने लगाया इसकी जानकारी तो नहीं पर हम इसका समर्थन करते हैं। कुछ दिनों से देश विरोध और हिंदू विरोधी चीजें विश्वविद्यालय में हो रही हैं। पहले भूगोल विभाग की शिक्षिका द्वारा भारत का गलत नक्शा दिखाना और अब उर्दू विभाग के ई पोस्टर पर महामना की फोटो हटाकर इकबाल की फोटो लगाना गलत है।
छात्र आशीर्वाद दुबे ने बताया कि विरोध के बाद प्रकरण को लेकर विश्वविद्याल प्रशासन द्वारा आश्वासन दिया गया है कि उचित कार्रवाई की जाएगी, पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। केवल महामना की तस्वीर न लगाने का मामला ही नहीं बल्कि वेबिनार में शामिल वक्ताओं ने कई आपत्तिजनक वक्तव्यों का भी प्रयोग किया है। अगर जांच समिति की रिपोर्ट उचित नहीं आती तो विद्यार्थी आंदोलन को भी बाध्य होंगे। बता दें कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके लिए एक समिति गठित की है जो 3 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।