दोस्त ने ही गला दबाकर की थी अजय की हत्या, होली के दौरान हुई थी दोनो में लड़ाई...
चौबेपुर के डुबकियां में हत्या कर फेके गए अजय उर्फ सूरज के शव के मामले में डीसीपी वरुणा जोन अमित कुमार ने शनिवार को खुलासा कर दिया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। चौबेपुर के डुबकियां में हत्या कर फेके गए अजय उर्फ सूरज के शव के मामले में डीसीपी वरुणा जोन अमित कुमार ने शनिवार को खुलासा कर दिया है. उन्होंने मीडिया के सामने आरोपी को पेश कर बताया की इस हत्याकांड का खुलासा करने वाले पुलिस टीम को ₹ 5 हजार से पुरस्कृत किया गया है. घटना में प्रयुक्त ऑटो वाहन को भी कब्जे में लिया गया है. आरोपी विजय कुमार निवासी परानापुर कादीपुर थाना चौबेपुर आज भोर करीब 02.20 बजे कादीपुर रेलवे क्रासिंग के पास से गिरफ्तार किया गया.
पिता ने लिखवाया था हत्या का मुकदमा
बीते 17 मई को अजय उर्फ सूरज के पिता पप्पू राम निवासी अकथा सारनाथ ने पुलिस को तहरीर देकर बताया की उनका पुत्र ठेकेदार विरेन्द्र निवासी कलमंडी थाना लालपुर वाराणसी के यहाँ शटरिंग का काम करता था. 14 मई की सुबह 7 बजे खाने का टिफिन लेकर काम करने गया था. रात्रि 8 बजे तक हम लोगों ने इन्तजार किया परन्तु घर ना आने पर अन्य लड़के बीरू, बहु कंचन व मेरे भाई राजेश व मेरी पत्नी काफी तलाश किये मगर कोई पता नहीं चला. 15 मई को मेरे रिश्तेदार रविन्द्र ने मुझे सूचना दिया कि डुबकिया थाना चौबेपुर में सरकारी पानी ट्यूबवेल के पीछे लड़के की लाश चोटिल हालत में पड़ी हुई है और जब हम लोग मौक पर जाकर देखे तो वह अजय उर्फ सूरज ही था.
बदले की भावना से की हत्या
विजय कुमार ने पूछताछ करने पर बताया कि वह और अजय उर्फ सूरज उर्फ टोनी दोस्त थे. एक बार होली पर मेरी अजय से लड़ाई हो गयी थी. उस समय अकथा में ही रहता था. बेईज्जती होने के बाद मै वहाँ से चला गया था. इधर-बीच में कुछ दिनो से मै उसको तलाश कर उससे बातचीत करता रहा और हम लोग अक्सर एक साथ बैठकर नशा-पानी भी करते रहे. 14 मई की सायं को आरोपी विजय अपना आटो लेकर लमही पहुंचा जहां पर अजय उर्फ सूरज उर्फ टोनी शटरिंग का काम करता था. शाम को जब वह काम से छूटा तो आटो से लेकर संदहा के पास ले आया और हम दोनो ने शराब भी पी. जब अजय पूरे नशे में हो गया तब मै उसको अपने आटो में बैठाकर डुबकिया की तरफ ले आया वह पूरी तरह से बैठ नही पा रहा था और बार-बार आटो में ही गिर जा रहा था तब उसको मैने आटो में लिटा दिया. उसी लेटाने में उसके सिर पर चोट लग गई और खून बहने लगा और सोचा कि कहीं और ले जाने से अच्छा है कि इसे निपटा दिया जाये. फिर विजय अपने दोनो हाथो से उसका गला तब तक दबाये रखा जब तक वह मर नही गया. फिर उसकी लाश को डुबकिया सरकारी ट्यूबवेल के पीछे फेंककर निकला और आटो में गिरे खून को पोखरा के पास ले जाकर आटो को धो दिया. दूसरे दिन लाश मिलने पर सबको जानकारी हो गयी थी तब विजय पोस्टमार्टम के समय वहाँ गया था ताकि किसी को शक न हो . गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार सिंह थाना चौबेपुर, हे0का0 विनीत सिंह थाना चौबेपुर और का0 दिनेश कुमार यादव शामिल रहे.