एडिशनल सीपी ने किया पैसे हड़पने वाले अपराधी पर जिला बदर की कार्रवाई, छह माह के लिए सीमा से किया निष्कासित...
जनता को नौकरी दिलाने और धोखे से खाते से पैसे उड़ाने वाले अपराधी को एडिशनल सीपी संतोष सिंह ने छह माह के लिए जिलाबदर की कार्रवाई की है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। एडिशनल सीपी मुख्यालय और अपराध संतोष सिंह की कमिश्नरेट कोर्ट ने गंभीर प्रकृति के अपराध करने वाले पहाड़ी थाना मंडुवाडीह निवासी विनय कुमार गौंड पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की है. यह अपराधी लोगों के पैसे हड़पने में माहिर है. जिसके खिलाफ मंडुवाडीह थाने में तीन मुकदमें दर्ज है.
एडिशनल सीपी संतोष सिंह ने सुनवाई करते हुए आदेश में कहा है की विनय कुमार गौड़ की वजह से जनता में भय का माहौल है, जिसे छह माह के लिए जिला बदर किया जाता है. इस दौरान विनय कुमार गौंड जहां भी अस्थाई निवास करेगा उसकी सूचना थानाध्यक्ष को देनी होगी. छह माह के भीतर यदि यह अपराधी सीमा में पाया जाता है की संबंधित थाने इसके विरुद्ध कार्रवाई करेंगे.
बता दें, विनय कुमार गौड़ के ऊपर पहला मुकदमा कोर्ट के आदेश पर खंझाटी राम ने दर्ज करवाया है, आरोप है की खंझाटी राम पढ़े लिखे न होने के कारण वह गांव के ही विनय कुमार गौड़ को साथ लेकर बैंक से पैसे निकालने गए थे, जिसके बाद योजनबद्ध तरीके से विनय कुमार गौड़ ने उनके खाते से लाखों रुपए अपने किसी अन्य खाते में ट्रांसफर करवा लिया.
दूसरा मुकदमा पहाड़ी गेट निवासी रंजू देवी ने विनय कुमार गौड़ पर दर्ज करवाया. आरोप था की रंजू देवी की विकलांग लड़की को नगर निगम में नौकरी दिलाने के नाम पर 3.20 लाख रुपए ले लिया. इसके बाद 40 हजार रुपए नगद उधार लिए. नौकरी न लगने पर जब रंजू देवी ने अपना पैसा वापस मांगा तो फर्जी चेक दे दिया.
वहीं तीसरा मुकदमा मवईया थाना रोहनिया निवासी शैलेंद्र कुमार ने दर्ज करवाया है. आरोप है की विनय कुमार गौड़ ने शैलेंद्र कुमार के दिव्यांग भाई को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसकी बहन से 3 लाख रुपए लिए. जब शैलेंद्र कुमार ने दबाव बनाया तो विनय ने दो चेक दे दिए. जो खाते में पर्याप्त पैसे न होने की वजह से बाउंस हो गए.
तीनों घटनाओं को गंभीरता की श्रेणी में रखते हुए एडिशनल सीपी संतोष सिंह की अदालत ने यह आदेश दिया है.