संतोषी माता मंदिर प्रकरण में आरोपी रमाकांत पाठक उर्फ रवि पुजारी को मिलीं जमानत, यह था पूरा प्रकरण...

खोजवां स्थित संतोषी माता मंदिर केस विवाद प्रकरण में आरोपी रमाकांत पाठक उर्फ रवि पुजारी कोर्ट ने जमानत दे दी है.

संतोषी माता मंदिर प्रकरण में आरोपी रमाकांत पाठक उर्फ रवि पुजारी को मिलीं जमानत, यह था पूरा प्रकरण...

वाराणसी, भदैनी मिरर। संतोषी माता मंदिर प्रकरण में नया मोड़ आ गया है. गुरुवार को इस मामले में प्राणघातक हमला करने के आरोप में रमाकांत पाठक उर्फ रवि पुजारी को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है. प्रभारी सत्र न्यायाधीश देवकांत शुक्ला की अदालत ने खोजवा, भेलूपुर निवासी आरोपित रमाकांत पाठक उर्फ रवि पुजारी को एक-एक लाख रुपये की दो जमानते एवं व्यक्तिगत बंधपत्र देनें पर रिहा करने का आदेश दिया. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता नदीम अहमद खान, शशांक सिंह ने पक्ष रखा.

प्रकरण के मुताबिक आनंद प्रकाश सिंह ने अपने अधिवक्ताओं के जरिये अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था. आरोप था कि खोजवां में स्थित जय संतोषी मां सेवा समिति ट्रस्ट के अध्यक्ष सत्य प्रकाश सिंह व सचिव उसके भाई अतर सिंह है. इस ट्रस्ट के अधीन माता संतोषी देवी मंदिर में रमाकांत पाठक उर्फ रवि पुजारी मां की पूजा अर्चना करने के लिए रखा गया था, लेकिन लगभग दो वर्ष पूर्व रमाकांत को गलत चाल- चलन व आचरण के चलते ट्रस्ट के पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा हटा दिया गया. इसी बात को लेकर वह वादी के भाइयों से रंजिश रखने लगा. इस बीच बीते 18 जुलाई को शाम लगभग साढ़े 7 बजे रमाकांत पाठक उर्फ रवि पुजारी अपने साथी अभिषेक पांडेय व एक अज्ञात व्यक्ति के साथ लाठी-डंडे व अवैध असलहे से लैस होकर मंदिर परिसर में घुस आया और वहां मंदिर की साफ-सफाई करने वाली महिला की पुत्री से अश्लील हरकत करते हुए उसका हाथ पकड़ कर खींचने लगा. किसी तरह वह वहां से भागकर वादी के भाइयों अतर सिंह व राजबहादुर सिंह के पास पहुंची और घटना की जानकारी दी.

इस पर जब उसके भाई मंदिर में पहुंचकर रमाकांत से घटना के बारे में पूछताछ करने लगे तो रमाकांत पाठक ने अपने साथियों अभिषेक पांडेय व एक अज्ञात के साथ मिलकर जान से मारने की नीयत से लाठी-डंडे से सिर व शरीर पर प्राणघातक हमला कर दिया. साथ ही रमाकांत ने उसके भाई की लाइसेंसी पिस्टल छीनकर उसके भाई अतर सिंह को जान से मारने की नीयत से गोली भी चलाई, जो संयोग से अतर सिंह के बजाय रमाकांत पाठक के साथी अभिषेक पांडेय के कंधे में लग गयी. इस दौरान सिर पर गंभीर चोट लगने से अतर सिंह व राजबहादुर सिंह दोनों अचेत हो गए. इस बीच सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें उपचार के लिए बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया.