अखिलेश यादव के एक फैसले ने सपा पार्टी में मचा दिया हड़कम्प, विस चुनाव को लेकर दिया कड़ा संदेश...

अखिलेश यादव के एक फैसले ने सपा पार्टी में मचा दिया हड़कम्प, विस चुनाव को लेकर दिया कड़ा संदेश...

वाराणसी,भदैनी मिरर। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री ने पार्टी में बड़ा धमाका कर दिया है। अखिलेश यादव ने आज पार्टी के पदाधिकारियों को यह कड़ा संदेश दे दिया मासूम चेहरा और सबसे सौम्यता से मिलने वाले अखिलेश अब लापरवाही बर्दाश्त करने वाले नहीं है। पिछले एक वर्ष से शिथिल हो चुके पार्टी पदाधिकारियों में बड़ा उलटफेर कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यह ने संदेश दिया है कि अस्तित्व को बचाना है तो आगामी विधानसभा चुनाव किसी भी हाल में जितना ही होगा।


आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अखिलेश यादव लगातार जिलाध्यक्षों को यह निर्देश देते रहे है कि बूथ स्तर तक अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत किया जाए। आगामी जुलाई महीने में पार्टी सड़कों पर आए क्योंकि चुनावी घोषणा होने में मात्र पांच से छह महीने बचे है।

 "जिस तरह भाजपा सरकार ने पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को नामांकन करने से रोका है, वो हारी हुई भाजपा का चुनाव जीतने का नया प्रशासनिक हथकंडा है। भाजपा जितने पंचायत अध्यक्ष बनाएगी, जनता विधानसभा में उन्हें उतनी सीट भी नहीं देगी।" अखिलेश यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी पार्टी


सूत्रों के मुताबिक दिल्ली से लौटने के बाद अखिलेश यादव के तेवर सख्त हुए और उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल से वार्ता की। उसके बाद पहली बार उन्होंने इतना कड़ा फैसला लिया की पार्टी में हड़कम्प मचा हुआ है। अखिलेश यादव ने तत्काल प्रभाव से 11 जिलों के जिलाध्यक्षों को पदमुक्त कर दिया। 

इन जिलों के हटाये गए जिलाध्यक्ष

गोरखपुर जिला, मुरादाबाद जिला, झांसी जिला, आगरा जिला, गौतमबुद्ध जिला, मऊ, बलरामपुर, श्रावस्ती, भदोही, गोंडा और ललितपुर


सूत्र बताते है कि अखिलेश यादव उन जिलाध्यक्षों को हटाया है जहाँ से यह खबर आई की जिला पंचायत अध्यक्ष के नामांकन रद्द करने की सूचना के बाद जिलाध्यक्ष विरोध तक नहीं किए। अखिलेश यादव ने नाराजगी जताते हुए कहा आखिर हो क्या गया है पार्टी को, जो कायदे से विरोध भी नहीं कर पा रही। विस चुनाव को लेकर यह अभी से संदेश चला गया कि पार्टी का पदाधिकारी वही होगा जो सरकार की गलत नीतियों का विरोध करेगा, संगठन को मजबूत करेगा और स्तर पर पार्टी के लिए लड़ेगा।