बनारस को 5 पद्मसम्मान : पंडित शिवनाथ ने काशी को समर्पित किया सम्मान तो प्रोफेसर कमलाकर त्रिपाठी को याद आये मालवीय जी महाराज, देखें पद्म अवार्ड की पूरी लिस्ट...
5 Padma honors to Banaras. Radheshyam Khemka, Prof. Vashisht Tripathi, Baba Sivananda, Prof. Kamalakar tripathi and Pandit Shivnath was dedicated to Kashi from someone among the eminent personalities, so if someone remembers Malviya ji Maharaj.प्रत्येक साल मिलने वाले पद्म अवार्ड की घोषणा कर दी गई है। बनारस से 5 विभूतियों को सम्मानित किया गया है।
वाराणसी,भदैनी मिरर। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कार 2022 की घोषणा की है। पद्म विभूषण के लिए प्रभा अत्रे, सीडीएस जनरल बिपिन रावत (मरणोपरांत), राधेश्याम खेमका और कल्याण सिंह (मरणोपरांत) को पद्म विभूषण से सम्मानित किया जायेगा। इसके साथ ही कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने वर्ष 2022 के लिए 4 पद्म विभूषण, 7 पद्म भूषण पुरस्कार और 107 पद्मश्री पुरस्कारों की घोषणा की है। इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की जाती है। उल्लेखनीय है कि पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं। पद्म विभूषण असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए, पद्म भूषण उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए और पद्मश्री किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। वाराणसी की 6 विभूतियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। गीताप्रेस के राधेश्याम खेमका को मरणोपरांत पद्मविभूषण, संपूर्णांनंद संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्वान प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी को पद्म भूषण तो वहीं सितारवादक पंडित शिवनाथ मिश्र, IMS-BHU के प्रख्यात नेफ्रोलॉजिस्ट प्रो. कमलाकर त्रिपाठी, 125 साल के बाबा शिवानंद को सम्मानित किया गया है।
अंतिम समय तक किया लेखन का काम
गोरखपुर स्थित गीता प्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सनातन पत्रिका के संपादक रहे राधेश्याम खेमका ने अपनी अंतिम सांस वाराणसी के केदारघाट स्थित अपने निवास स्थान पर ही ली थी। वह साल तक गीता प्रेस से जुड़कर सनातन धर्म की पत्र-पत्रिकाओं का संपादन करते रहे। उनके निर्देशन में कल्याण की 9 करोड़, 54 लाख, 46 हजार प्रतियां प्रकाशित हुईं। वह वाराणसी की कई बड़ी संस्थाओं मारवाड़ी सेवा संघ, मुमुक्षु भवन, श्रीराम लक्ष्मी मारवाड़ी अस्पताल, बिड़ला अस्पताल और काशी गोशाला ट्रस्ट से जुड़ रहे।
कई सम्मानों से सम्मानित है प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी
राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी को पद्मभूषण के लिए चुना गया। वह काशी विद्वत परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष रहे हैं। वह देवरिया के रहने वाले हैं, मगर काफी समय से उनका निवास वाराणसी के नगवां में है। इन्होंने संपूर्णांनंद सस्ंकृत विश्वविद्यालय से नव्यन्यायाचार्य और BHU से न्यायावैशेषिक शास्त्राचार्य की शिक्षा हासिल की है। इसके बाद वह वाराणसी के ही कई महाविद्यालयों में सह प्राचार्य, न्याय प्रवक्ता, न्याय प्राध्यापक, दर्शन विभाग के अध्यक्ष, वहीं बाद में संपूर्णांनंद सस्ंकृत विश्वविद्यालय में न्याय प्रवक्ता और न्याय वैशेषिक विद्वान के रूप में जाने गए। उन्हें 2004 में राष्ट्रपति सम्मान मिला। इसके साथ ही दो दर्जन प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है।
बनारस घराने को समर्पित यह सम्मान
पंडित रविशंकर के बाद पंडित शिवनाथ मिश्रा दूसरे सितारवादक हैं जिन्हें पद्म पुरस्कार के लिए चुना गया है। पंडत शिवनाथ बनारस घराने से हैं। आजकल वे अपने पुत्र पंडित देवब्रत मिश्र के साथ कई अंतरराष्ट्रीय कंसर्ट में शामिल होते हैं। सितार में भारत की शास्ऋीय परंपरा को जीवित रखने का श्रेय इसी जोड़ी को जाता है। पं. शिवनाथ ने कहा कि यह मेरा नहीं बल्कि शास्त्रीय संगीत का सम्मान है। बनारस और यहां के कलाकारों का सम्मान है। यह पद्मश्री मैं काशीवासियों, अपने गुरुजन और बनारस घराने को समर्पित करता हूं।
मालवीय जी महाराज याद आवत हउवन
काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान के नेफ्रोलॉजी विभाग से सेवानिवृत्त प्रोफेसर कमलाकर त्रिपाठी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में 'भदैनी मिरर' से बातचीत में कहा कि ... ई सब मालवीय जी महाराज के कृपा हव, माई-बाऊ याद आवत हउवन। मालवीय जी की कृपा से रोजी-रोटी चलत हव। ई सब हमरे मरीजन के आशीर्वाद हव। सम्मान से जिमेदारी बढ़ जाला, बस यही तरह प्यार बनल रहे ।